नई दिल्ली। पाकिस्तान में इमरान के शपथ ग्रहण समारोह में जाकर तमाम देशवासियों समेत पक्ष और विपक्ष दोनों के ही निशाने पर आ चुके सिद्धू के बचाव में अब कमान खुद सम्हाल बैठे हैं उनके दोस्त और पाक प्रधानमंत्री इमरान। इमरान ने न सिर्फ सिद्धू के समारोह में आने पर उन्हें धन्यवाद दिया बल्कि सिद्धू का पक्ष लेते हुए उन्हें शांति का दूत बताया।
गौरतलब है इमरान खान ने शपथ ग्रहण समारोह में सिद्धू के शामिल होने पर उन्हें धन्यवाद दिया है। पाक पीएम ने कहा कि सिद्धू यहां एक शांति के दूत बन कर आए थे और उन्हें पाकिस्तान के लोगों की ओर से भी खूब प्यार और स्नेह मिला। बल्कि इमरान खान ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत के वैसे लोग जो सिद्धू को निशाना बना रहे हैं वे दोनों देशों के बीच शांति की राह के में रोड़ा बनने का काम कर रहे हैं। बिना शांति के हमारे लोग (दोनो देश) तरक्की नहीं कर सकते।
इतना ही नही अपने अगले ट्वीट में इमरान खान ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर समेत अन्य मुद्दों पर बातचीत के जरिए ही हल करना चाहिए। गरीबी को कम करने और उपमहाद्वीप के लोगों को तरक्की के रास्ते पर लाने का सबसे अच्छा तरीका बातचीत और दोनों देशों के बीच व्यापार शुरू करना है।
ज्ञात हो कि इमरान खान की ये टिप्पणी कांग्रेस के नेता और पंजाब के मंत्री सिद्धू की ओर से पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाने के बाद उठे विवाद के बाद आया। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद सिद्धू ने इसे एक ‘भावुक पल’ बताया था और कहा था कि यह राजनीति से प्रेरित नहीं थी। जबकि इससे पहले, रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह सिद्धू के इस कदम के पक्ष में नहीं है।
उन्होंने यह भी साफ किया कि सिद्धू का इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के फैसले से उनकी सरकार को कोई संबंध नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि क्रिकेट से राजनीति में आए सिद्धू ने अपनी क्षमता पर पाकिस्तान गए हैं।
जबकि वहीं बीजेपी ने सिद्धू के पाकिस्तान दौरे खासकर पाकिस्तान आर्मी चीफ को गले लगाने को “शर्मनाक” करार दिया है। कांग्रेस पर हमला करते हुए भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस के भीतर ऐसे लोग हैं जो पाकिस्तान के हितों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं।