नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आरएसएस द्वारा निमंत्रण दिये जाने की सुगबुगाहट के चलते कांग्रेसी खेमे और तमाम नेताओं में बढ़ती कुलबुलाहट आखिरकार खुल कर सामने आ ही गई जब पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक में एक वरिष्ठ नेता ने बखूबी हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी सूरत में राहुल आरएसएस का निमंत्राण स्वीकार न करें।
गौरतलब है कि कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में पार्टी के एक आला नेता ने राहुल को हिदायत दे दी है कि वो आरएसएस का कोई भी निमंत्रण स्वीकार न करें। क्योंकि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले पर हुई गिरफ्तारियों को लेकर बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस पर हमला बोला था। जिस पर राजनीति गरमा गई है। वहीं पार्टी को लगता है कि राहुल के बयान और व्यवहार में कोई फर्क न रहे इसलिए उन्हें आरएसएस के किसी भी कार्यक्रम का हिस्सा होने से बचने के लिए कहा है।
वहीं इस बाबत बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि आरएसएस के कार्यक्रम में राहुल गांधी या किसी अन्य सदस्य के जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। इसके बाद उन्होंने आज आरएसएस को जहर बताया। हालांकि पत्रकारों से बात करते हुए खड़गे ने कहा कि पहले निमंत्रण पत्र तो आने दीजिए। यह निमंत्रण चुनावों को ध्यान में रखकर भेजा जा रहा है।
इतना ही नही बेहद ही अहम बयान देते हुए खड़गे ने कहा था कि भाजपा और भगवा संगठन को सत्ता से बाहर रखने के लिए पार्टी ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री का पद तक छोड़ दिया। उन्होंने आरएसएस की विचारधारा को देश, दलित और अन्य वंचित तबकों के लिए जहर बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ कांग्रेस की वैचारिक लड़ाई है।
ज्ञात हो कि तमाम गंभीर बातों को देखते ही अब पार्टी बैठक के भीतर से ये बात निकल रही है कि अगर आरएसएस का निमंत्रण आए भी तो राहुल उसे स्वीकार न करें। इससे पहले बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि देश में आरएसएस ही एक मात्र एनजीओ है। उनका ये बयान देशभर में वामपंथियों की गिरफ्तारी प्रकरण में आया था।