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भीमा कोरेगांव हिंसा: डीजीपी का गिरफ्तारियों को लेकर बयान, कहा-हमारे पास हैं पुख्ता सबूत

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नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में हाल ही में हुई गिरफ्तारियों को लेकर जारी आरोप प्रत्यारोपों के बीच अब महाराष्ट्र पुलिस ने नया खुलासा किया है। आज महाराष्ट्र के एडीजी (कानून और व्यवस्था) परमवीर सिंह ने कहा कि माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई सबूतों के आधार पर की गई है। यही नहीं छापे के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। पुलिस ने आरोप लगाया कि माओवादियों की साजिश कानून-व्यवस्था को बिगाड़कर सरकार गिराने की थी। एक आतंकवादी संगठन भी इस साजिश में माओवादियों के साथ शामिल था।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पांचों आरोपियों को ही घर में ही नजरबंद करने का आदेश दिया है। इस मामले की सुनवाई अब छह सितंबर को होनी है। लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। पुणे के संयुक्त पुलिस कमिश्नर शिवाजी बोड़ाखे ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई तुषार दामगुड़े की शिकायत पर कार्रवाई की गई है।

इतना ही नही इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस डीजीपी परमवीर सिंह ने कहा, जांच में खुलासा हुआ है कि माओवादी संगठनों द्वारा एक बड़ी जमीन तैयार की गई थी। आरोपी उनके लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे थे। एक आतंकवादी संगठन भी इसमें शामिल था। 17 मई को लेकर, गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत केस चल रहा है।

साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पास आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और हमें कई दस्तावेज मिले हैं। डीजीपी ने कहा कि माओवादियों से इन लोगों के रिश्ते हैं, ये उन्हें चिट्ठी लिखते थे। हजारो की संख्या में चिट्ठियां मौजूद हैं। सभी आरोपी विदेशी संगठनों से संपर्क में थे, हमने 9 जगहों पर रेड की है।

इतना ही नही उन्होंने ये भी कहा कि 31 दिसंबर 2017 की घटना को लेकर 8 जनवरी को मामला दर्ज किया गया था। नफरत भरे भाषण देने और घृणा फैलाने के लिए जांच आयोजित की गई है। लगभग सभी आरोपी कबीर कला मंच से जुड़े हैं।

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