भोपाल। महाकाल की भूमि और लंबे वक्त से जारी शिव का राज इस दौरान तमाम संत महात्माओं और साधुओं को मिला मान-सम्मान से कुछ साधु इतना अभिभूत हुए कि उन्होंने अब खुद ही सीधे चुनाव में उतरने का मन बनाकर शिवराज और भाजपा दोनों ही को काफी हद तक सकते में ला दिया है। इतना ही नही इन साधुओं का मानना है कि अगर कोई पार्टी उन्हें टिकट नही देगी तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में उतरेगें।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब साधु–संत भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। यही नहीं इन बाबाओं ने दावा किया है कि वे इस बार चुनाव लड़ेंगें और अगर किसी पार्टी से उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलिय लड़ेंगे। टिकट चाहने वाले संतों में सबसे पहला नाम आता है स्वामी नामदेव त्यागी का। जो कम्प्यूटर बाबा के नाम से भी मशहूर है। उन्होंने बताया कि ‘मैं चुनाव लड़ने का इच्छुक हूं, मैं बीजेपी पर टिकट के लिए दबाव नहीं बनाऊंगा, अगर मुख्यमंत्री चौहान मुझे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहेंगे, तो मैं तैयार हूं’।
इसके साथ ही इस लिस्ट में दूसरा नाम बाबा अवधेशपुरी का आता है। रामचरित मानस में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त 47 वर्षीय बाबा अवधेशपुरी उज्जैन से बीजेपी का टिकट चाहते हैं। बाबा ने दावा किया कि ‘मेरा विश्व हिन्दू परिषद एवं संघ परिवार से करीबी संबंध रहा है। मैंने बीजेपी के लिए तब से काम किया है, जब वह वेंटीलेटर पर थी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं टिकट के लिए बीजेपी पर दबाव नहीं बनाउंगा, मेरे अनुयायी चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं, ताकि उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेला की साइट पर जो अतिक्रमण हुआ है, उसे हटाया जा सके। बीजेपी का टिकट न मिलने पर मैं निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।’
इसी प्रकार चुनाव लड़ने वाले बाबांओं की लिस्ट में तीसरा नाम संत मदन मोहन खड़ेश्वरी महाराज का है। उन्होंने कहा कि वह सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया है कि, ‘मेरी जीत तय है, बीजेपी टिकट नहीं देगी तो मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा। मैं पिछले 30 साल से इस क्षेत्र के लोगों के लिए काम कर रहा हूं’।
जबकि वहीं रायसेन जिले के संत रविनाथ महीवाले ने भी विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए अपना अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि, ‘मैं नर्मदा को बचाने के लिए चुनाव लडूंगा। बीजेपी अगर टिकट नहीं देगी, तो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने को मैं तैयार हूं।’ साथ ही बाबा महेन्द्र प्रताप गिरी रायसेन की सिलवानी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मौ चुनाव लड़ने का इच्छुक हूं। ‘मैं बीजेपी से टिकट मांगूगा, और अगर टिकट न मिला तो निर्दलीय लड़ूंगा।’
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार ने इस साल अप्रैल में पांच हिन्दू बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है, जिनमें नर्मदानंद महाराज, हरिहरनंद महाराज, कंप्यूटर बाबा, भय्यूजी महाराज और पंडित योगेन्द्र महंत शामिल हैं। हालांकि बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा देने पर सरकार की तीखी आलोचना होने पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था कि उनकी सरकार विकास और लोगों के कल्याण के लिए समाज के हर तबके के लोगों को जुटा रही है।