नई दिल्ली! सरकार ने 328 फिक्स डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का मानना है कि विक्स एक्शन 500 और कोरेक्स जैसी सर्दी-खांसी व सामान्य बुखार की निश्चित खुराक वाली दवाएं लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करती हैं. मंत्रालय ने ड्रग एडवायजरी बोर्ड की सिफारिशों पर अंतिम मंजूरी देते हुए मंत्रालय ने यह फैसला लिया है. जिन दवाओं पर रोक लगाई गई है, उनमें सेरिडॉन, विक्स ऐक्शन 500, कोरेक्स, सुमो, जीरोडॉल, फेंसिडील, जिंटाप, डिकोल्ड और कई तरह के ऐंटीबायॉटिक्स, पेन किलर्स, शुगर और दिल के रोगों की दवाएं शामिल हैं. इसके अलावा मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ 6 एफडीसी के उत्पादन, बिक्री या वितरण को भी प्रतिबंधित कर दिया है.
इस पर ड्रग टेक्निकल अडवाइजरी बोर्ड ने एक कमिटी का गठन किया. कमेटी ने 343 दवाओं पर लगाए गए बैन को जायज करार दिया और 6 के निर्माण और बिक्री के लिए कुछ शर्तें लगा दी. सरकार ने इनमें से 328 को ही बैन किया है. इस बैन के बाद इन दवाओं के बाजार से बाहर होने का रास्ता साफ हो गया है. एफडीसी दवाएं वह होती हैं, जिन्हें दो या उससे ज्यादा दवाओं को मिलाकर बनाया जाता है. इन दवाओं पर देश में एक लंबे समय से विवाद हो रहा है. हेल्थ वर्कर्स के साथ ही संसद की एक समिति ने भी इन पर सवाल उठाए हैं.
सरकार ने जिन 328 एफडीसी पर बैन लगाया है उनका देश के संगठित दवा क्षेत्र में कुल कारोबार करीब 3800 करोड़ रुपये का है. यह भारत के फार्मा सेक्टर के कुल कारोबार का करीब 3 प्रतिशत है. सरकार के फैसले के बाद कोरेक्स पर रोक से फाइजर के 308 करोड़ रुपये के कारोबार पर असर पड़ेगा.