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योगी सरकार की अहम और सराहनीय पहल, असंगठित मजदूरों की मुश्किलें करेगी सरल

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लखनऊ। देश के सबसे बड़े और अहम सूबे में चुनावी बिसात के मुताबिक सरकार बखूबी अपनी चालें चलने लगी है। जिसके तहत ही उत्तर प्रदेश सरकार ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बड़ा तोहफा देते हुए उनके लिए दीन दयाल बीमा योजना व अटल पेंशन योजना शुरू करने की घोषणा की है।

गौरतलब है कि इसके तहत दुर्घटना होने पर मौत होने की स्थिति में मजदूरों को दो लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही 60 साल की उम्र होने पर एक हजार रुपये पेंशन दी जाएगी। लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र यह बड़ा सियासी कदम माना जा रहा है। प्रदेश में 4.5 करोड़ असंगठित मजदूर हैं। मजदूरों का पंजीकरण एक जनवरी 2019 से शुरू होगा।

इस बाबत जानकारी देते हुए श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री की कोशिशों के चलते प्रदेश के असंगठित मजदूरों के लिए बड़ी कार्रवाई करते हुए असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा नियमावली-2008 के अधीन उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन किया गया है।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने लंबे इंतजार के बाद भी इसे लागू नहीं किया। यह बोर्ड असंगठित मजदूरों के हितों के लिए विभिन्न योजनाएं बनाने के लिए राज्य सरकार को सिफारिश करेगी। इस बोर्ड में 28 सदस्य बनाए गए हैं। अध्यक्ष श्रम मंत्री के तौर पर वह खुद हैं और प्रमुख सचिव श्रम सदस्य सचिव होंगे। बोर्ड का कार्यकाल तीन साल का होगा।

इतना ही नही बल्कि मौर्य ने कहा कि जबसे प्रदेश में भाजपा सरकार बनी है मुख्यमंत्री बाबा साहब  के रास्ते पर चल रहे हैं। साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार द्वारा किये गए अहम फैसले   कुछ इस प्रकार हैं।

दीनदयाल बीमा योजना

  1. मौत होने पर 2 लाख रुपये
  2. दुर्घटना होने पर दोनों आंखें, हाथ-पैर बेकार पर एक लाख
  3. एक आंख या एक हाथ या एक पैर बेकार पर एक लाख
  4. इसके बीमे की राशि सरकार देगी

अटल पेंशन योजना

  1. 18 से 40 वर्ष तक के मजदूरों को साठ साल होने पर 1000 रुपये पेंशन
  2. उनकी आयु के हिसाब से धनराशि का भुगतान राज्य सरकारसामाजिक सुरक्षा बोर्ड के जरिए करेगी
  3. मजदूर की मृत्य होने पर पेंशन पत्नी को मिलेगी
  4. 60 साल से पहले मृत्यु होनेपर जमा रकम ब्याज सहित वापस होगी।
  5. मजदूर चाहे तो ज्यादा पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं लेकिन उन्हें बढ़ी बीमे की रकम पर प्रीमियम की किश्त खुद देनी होगी।

साथ ही बताया कि इसके इन योजनाओं के लाभ प्राप्त करने वालों में धोबी, मोची, दर्जी, माली, नाई, बुनकर,रिक्शा चालक, टेंट हाउस में काम करने वाले, मछुआरे,तांगा चालक, बैलगाड़ी चालक, चना फोड़ने वाले,कूड़ा बीनने वाले, हाथ ठेला ढोने वाले, चाय, चाट का ठेला लगाने वाले,जरदोज़ी कारीगर, मीटशाप, आटो चालक, फेरी लगाने वाले, कुली, फुटपाथ व्यापारी, नट-नटनी, 45 श्रेणी के मजदूर आदि शामिल हैं।

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