लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज नौजवानों के साथ भाजपा सरकार द्वारा रोजगार और नौकरी के नाम पर जारी खिलवाड़ पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि सरकार का ये रवैया निन्दनीय है। क्योंकि भाजपा सरकार जानबूझ कर नौजवानों की जिंदगी से खेल रही है। नौकरियों का विज्ञापन देकर उनकी भर्ती किसी न किसी बहाने से रोक दी जाती है। नौकरियों की तादाद के बारे में भी भ्रामक और विरोधाभासी सूचनाएं दी जाती हैं। मुख्यमंत्री प्रदेश के नौजवानों के अयोग्य होने की बात करते हैं जबकि छोटी-मोटी नौकरियों के लिए भी पोस्ट ग्रैजुएट और पीएच.डी. किए हुए हजारों युवा आवेदन कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने उक्त शब्द बी.टी.सी. प्रशिक्षुओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने के दौरान कहे। प्रतिनिधिमंडल में अनिल यादव, राहुल वर्मा, शत्रुघ्न मौर्या, आनंद वर्मा, नरेन्द्र बहादुर वर्मा, अभिषेक यादव, आरती सिंह और संजय प्रताप यादव थे। इन्होंने बताया कि 68,500 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती को लेकर नौजवान पुलिस के दमन के बावजूद न्याय की भीख मांगते हुए धरना दे रहे हैं। लगभग 27,000 सीटें रिक्त हैं जिन पर भर्ती टाली गई है।
मुख्यमंत्री द्वारा नौकरी में आने वाले युवाओं को अयोग्य ठहराने का बयान पूर्णतया असत्य और मुद्दों से भटकाने वाला बताते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी पीसीएल में 2849 नौकरियां निकलीं जो पेपर लीक के बहाने रद्द कर दी गईं। 3210 ट्यूबवैल आप्रेटरों की भर्ती में 2,50,000 आवेदन आए। यूपी पुलिस में 2709 व सब-इंस्पेक्टर के पदों की भर्ती के लिए 1.20 लाख आवेदन आए थे। ये भर्तियां भी पेपर लीक होने के बहाने रोक दी गईं। पुलिस में 62 चपड़ासियों के पदों के लिए 93,000 आवेदन आए जिनमें 3700 पीएच.डी. थे। ये भर्ती भी अचानक रद्द हो गई।
यूपी पुलिस में 41,520 कांस्टेबल के पदों के लिए 10 लाख अभ्यर्थी आए। जाहिर है युवाओं की अयोग्यता की बात बेबुनियाद है। यही नहीं, भर्तियों में पुलिस महकमे में से 1400 ओबीसी, एससी, एसटी निकाल दिए गए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार देने के आंकड़ों में भी हेराफेरी कर रही है। भदोही के कार्पेट एक्सपो मार्ट में मुख्यमंत्री ने 20 लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा की। गत 20 मार्च, 2018 को भाजपा सरकार के एक साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री ने 64 विभागों में 4 लाख नौकरियां देने का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने 29 जनवरी, 2018 को गोरखपुर में 1,62,000 पदों पर भर्तियां करने और फिर 7 फरवरी, 2018 को 9 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही। यूपी इन्वैस्टर्स समिट में 3 साल में 40 लाख रोजगार देने का ऐलान किया गया। इससे पूर्व 1 मई, 2017 को मुख्यमंत्री ने भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में 5 साल में 70 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा किया था परन्तु इन वायदों को पूरा न करना नौजवानों का अपमान है।