लखनऊ। एक कहावत है कि जाको राखे साइयां मार सके न कोय। चाहे मारने वाला खुद ही क्यों न होय।। प्रदेश के जनपद हमीरपुर में एक ऐसा हैरतअंगेज मामला सामने आया है कि हर कोई न सिर्फ इस कहावत का कायल हो जायेगा बल्कि दांतो तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जायेगा। दरअसल प्रेम प्रसंग के चलते एक प्रेमी ने अपने दिल को ही छलनी करने का मन बनाया और उसका ये तरीका भी तब काम न आया जब उस मालिक ने उसके साथ कुछ ऐसा खेल रचाया।
गौरतलब है कि मूल रूप से हमीरपुर जिले के सतीश (25) को 18 सितंबर की रात गंभीर हालत में कानपुर के आवास विकास अंबेडकरपुरम स्थित एसआईएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। सतीश का प्रेम प्रसंग चल रहा था। 18 सितंबर की सुबह किसी बात को लेकर प्रेमिका से विवाद हुआ जिसके बाद उसने अपने दिल में तमंचा सटाकर गोली मार ली।
जिस पर दुखी सतीश को घरवालों ने गंभीर हालत में कानपुर कल्याणपुर स्थित एसआईएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने जब उसे देखा तो सांसें चल रही थीं। काफी खून बह चुका था। जब उसके सीने से गोली निकालने का प्रयास शुरू किया गया तो डॉक्टर हैरान रह गए। दरअसल सतीश का दिल बाएं नहीं दाईं ओर धड़क रहा था। यही वजह रही कि उसकी जान बच गई। ऐसा मामला दुर्लभ होता है इसे मेडिकल साइंस में डेक्सट्रोकार्डिया कहते हैं।
एसआईएस हॉस्पिटल के इंटेंसिव केयर इंचार्ज डॉ. आदित्य कुमार त्रिपाठी ने बताया कि गोली फेफड़े से होते हुए नीचे डायफ्रम में छेद करते हुए पेट को आरपार हो गई फिर तिल्ली को छूते हुई स्किन में जाकर रुक गई। क्योंकि सतीश का दिल बायीं ओर की जगह दायीं ओर था जिस वजह से गोली सतीश के दिल को नुकसान नहीं पहुंचा सकी। मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एचएन सिंह ने बताया कि सतीश के बाएं फेफड़े से डेढ़ लीटर खून इकट्ठा हो गया था। इसको पहले ऑपरेशन के जरिए बाहर निकाला गया।
वहीं दूसरे ऑपरेशन से डायफ्राम और पेट को साफ किया गया। 19 और 20 सितंबर को दो ऑपरेशन हुए थे। पांच यूनिट ब्लड का अरेंजमेंट करके ऑपरेशन कराया गया था। शुक्रवार को सतीश को वेंटिलेटर से हटाया गया। सतीश की जान बचने की पूरी उम्मीद है। इलाज अभी भी चल रहा है।
प्रेम प्रसंग में आत्महत्या के प्रयास और फिर बड़े ही अजीब ढंग से जान बच जाने का अनोखा मामला सामने आया है। दरअसल एक लड़के ने प्रेमिका से झगड़े के बाद अपने दिल में गोली मार ली। उस लड़के का भाग्य इतना जबरदस्त निकला कि उसकी जान बच गई। इसकी वजह थी दिल बाईं ओर की जगह दाईं ओर होना। मेडिकल साइंस में इसे डेक्सट्रोकार्डिया कहते हैं। ऐसा दुर्लभ होता है।