नई दिल्ली। किसानों द्वारा अपनी मांगों को लेकर क्रांति रैली के तहत दिल्ली कूच की कोशिश के चलते आज ऐन गांधी जयंती के दिन देश की सियासत काफी गर्मा गई है। इस मामले में जहां केन्द्र सरकार द्वारा किसानों की मांगों को लेकर सकारात्मक रूख जताया गया और उनके नेताओं से शान्ति बनाए रखने की अपील की गई वहीं विपक्ष के नेताओं द्वारा किसानों के दिल्ली कूच को सरकार द्वारा रोके जाने के कदम को गांधी जयंती पर ब्रिटिश सरकार की झलक बताया गया।
गौरतलब है कि किसान संघ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बीच जारी बैठक समाप्त होने पर सुरेश राणा ने ऐलान किया कि किसानों और सरकार के बीच 7 मुद्दों पर सहमति बनी है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत किसान संघ के नेताओं के साथ गाजीपुर सीमा पर बैठे किसानों से मिले और जिन मुद्दों पर बैठक में सहमति बनी थी उनका ऐलान भी किया। वहीं, भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन स्वीकार नहीं करेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे।
इतना ही नही बल्कि शेखावत ने ये भी कहा कि किसानों की मांग पूरी करने के लिए एक कमेटी भी बनेगी। जिसके तहत उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल के सामने मांग रखेंगे। और अब किसान पुराना ट्रैक्टर चला पाएंगे। किसानों की खरीद तीन महीने चले।तथा खेती को नरेगा से जोड़ा जाएगा।
वही आज सरकार द्वारा किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए यूपी से दिल्ली में प्रवेश करने के सभी रास्तों को बंद किये जाने के बावजूद भी हजारों किसान बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली में घुस गए हैं। हालांकि पुलिस इन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल कर रही है। इस दौरान दर्जनभर किसान घायल हो गए। हालांकि वहीं इस दौरान राजनाथ सिंह के घर किसानों के साथ बैठक चल रही है। उन्होंने नरेश टिकैट से फोन पर बात की और उनसे शान्ति बनाएं रखने की अपील की थी।
इसके साथ ही इस मामले में देश की सियासत भी काफी गर्मा गई है क्योंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जब एक पत्रकार ने किसानों की पदयात्रा के बारे में पूछा तो वो बोले कि आखिर क्यों किसानों को दिल्ली में नहीं घुसने दिया जा रहा? उन्हें दिल्ली में घुसने दिया जाना चाहिए। यह गलत बात है। हम किसानों के साथ हैं।
वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला भी किसानों के पक्ष में उतर आए हैं। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी की जयंती पर मोदी सरकार ने दिखा दिया है कि ये सरकार आजादी से पहले वाली ब्रिटिश सरकार से किसी मामले में कम नहीं है। उस वक्त अंग्रेज सरकार किसानों का उत्पीड़न करती थी वहीं आज मोदी सरकार किसानों पर आंसू गैस के गोले दाग रही है।
जबकि किसानों को आरएलडी के अध्यक्ष अजित सिंह का समर्थन मिला है। आरएलडी प्रमुख किसानों इस सबके बीच अजित सिंह भी किसानों से मिलने पहुंचे। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों के प्रदर्शन को बिल्कुल जायज करार दिया है। अखिलेश ने कहा कि किसानों के साथ किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया। ऐसे में यह नेचुरल बात है कि किसान प्रदर्शन करेंगे।
ज्ञात हो कि किसानों ने शर्त रखी है कि सरकार के प्रतिनिधि केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह बात करने के लिए मंगलवार को किसान घाट आएं। उन्होंने दिल्ली में घुसने पर रोक और धारा 144 हटाने की भी शर्त रखी। लखनऊ से हेलिकॉप्टर के द्वारा 2 आईएएस किसानों से मिलने के लिए रवाना हो चुके हैं। भाकियू नेता नरेश टिकैत ने कहा कि हमें यहां क्यों रोक दिया गया है? रैली एक अनुशासित तरीके से आगे बढ़ रही थी। अगर हम सरकार को अपनी समस्याओं के बारे में नहीं कहेंगे तो किससे कहेंगे? क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश से कहेंगे?