लखनऊ! पूरे प्रदेश को खुले में शौचमुक्त रखने की योगी सरकार की मुहिम फिलहाल सफल नहीं हो पायी है. अब योगी सरकार ने इस लक्ष्य को हासिल करने का समय दिसंबर तक बढ़ा दिया है. जबकि पहले ये लक्ष्य दो अक्टूबर रखा गया था. फिलहाल योगी सरकार को राज्य के विभिन्न जिलों में करीब पंद्रह लाख से ज्यादा शौचालय बनाने हैं. आखिरकार योगी सरकार ने पूरे राज्य को खुले में शौच मुक्त रखने के लक्ष्य को अब दो अक्टूबर से आगे बढ़ाकर दिसंबर कर दिया है. हालांकि सरकार पहले दावा कर रही थी कि दो अक्टूबर तक पूरे प्रदेश को खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया जायेगा. लेकिन ज्यादातर जिलों में गांवों को कागजों में ही शौचमुक्त कर दिया गया है.
सरकार की तरफ से सभी जिलों को 30 सितंबर तक आंकड़े देने को कहा गया है. लेकिन ज्यादातर जिलों में आंकड़े कागजों पर चल रहे हैं. राजधानी लखनऊ में ही कई गांवों में शौचालय नहीं बने हैं. लेकिन सरकार का दावा है कि सभी गांवों को खुले में शौचमुक्त कर दिया गया है. सरकार दावा करती है कि सभी जिलों में स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है. योजना के तहत अब तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 2.40 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है. इसके चलते प्रदेश के 11 जिले, 95 ब्लॉक व 23775 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. प्रदेश को ओडीएफ करने के लिए विभाग को सितंबर माह के अंत तक 15.79 लाख शौचालय और बनाने हैं. केंद्र और राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश को खुले में शौचमुक्त करने का अभियान चला रखा है. इसके तहत नगरीय क्षेत्र को नगर विकास विभाग द्वारा तथा ग्रामीण क्षेत्र को पंचायती राज विभाग द्वारा ओडीएफ किया जाना है.
ग्रामीण क्षेत्र को ओडीएफ करने के लिए पंचायती राज विभाग ने विशेष अभियान चला रखा है. इसके चलते प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में अब तक 93.83 प्रतिशत परिवारों को शौचालय की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है. एक सर्वे के मुताबिक 2012 के अनुसार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में कुल परिवारों की संख्या 2,56,02977 है. जिसमें से मौजूदा समय में 2,40,23,196 परिवारों को शौचालय की सुविधा मिल चुकी है. अभी 15,79,781 परिवारों का शौचालय निर्माण कराया जाना बाकी है.
राज्य के असल में राज्य के करीब पंद्रह जिलों को तो पहले ही ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. दस अन्य जनपद भी ओडीएफ की पात्रता में आ गये हैं. लेकिन अभी वह क्रॉस चेंकिंग करा रहे हैं ताकि ओडीएफ घोषित होने के बाद शत-प्रतिशत शौचालय का निर्माण पूरा हो चुका है. नगर विकास विभाग की जानकारी के मुताबिक अब तक 575 शहरी निकायों ने खुद को ओडीएफ घोषित कर लिया है.