लखनऊ। बसपा सुप्रीमों मायवती ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन न होने की वजहों पर न सिर्फ अपनी चुप्पी तोड़ी बल्कि इसके पीछे कांग्रेस के कुछ ऐसे वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया जो मोदी सरकार के शिकंजे के डर से प्रदेश में कांग्रेस को कमजोर कर भाजपा की मदद कर रहे हैं।
गौरतलब है कि एक न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान मायावती ने इसका खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश जैसे राज्य में जहां विधानसभा चुनाव होने हैं वहां पर दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांग्रेस व बसपा का गठबंधन नहीं होने देना चाहते। दिग्विजय सिंह भाजपा सरकार में सीबीआई व ईडी के डर से ऐसा कुछ नहीं करना चाहते जिससे भाजपा कमजोर हो।
इतना ही नही बल्कि उन्होंने दिग्विजय को भाजपा का एजेंट बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व सोनिया गांधी बसपा से गठबंधन के पक्ष में हैं लेकिन पार्टी के वरिष्ठ व स्वार्थी नेता ऐसा नहीं चाहते। माना जा रहा है कि ये संभवतः उस बात का जवाब है जिसमें दिग्विजय सिंह ने बयान दिया था कि बसपा मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस से इसलिए गठबंधन नहीं करना चाहती क्योंकि मायावती सीबीआई से डरती है।
इसके साथ ही डनहोंने बखूबी कांगेस की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ तो कांग्रेस, भाजपा को सत्ता से हटाने की बात तो करती है लेकिन इस पर अमल नहीं करती। जब चुनाव निकल जाते हैं तो बयानबाजी ही करती रह जाती है। वहीं मायावती ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, भाजपा के कारण अल्पसंख्यकों को टिकट देने में कटौती कर सकती है पर बसपा ऐसा नहीं करेगी।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक देश में कांग्रेस की सरकार रही लेकिन इसने दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया। यहां तक कि केंद्र की सत्ता में रहने पर बसपा को कमजोर करने के लिए मुझे ताज कॉरिडोर मामले में भी फंसाया लेकिन बसपा किसी के हाथों का खिलौना नहीं बनना चाहती।