नई दिल्ली। देश के एक और राज्य में आतंकियों की गतिविधियों का एक नया केन्द्र बन जाने से जहां तमाम सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं वहीं एजेंसियों ने इस बाबत जानकारियां इकट्ठा करनी शुरू कर दी हैं। दरअसल आतंकवाद की जड़ें बिहार में गहरी हो रही हैं। यहां के तीन दर्जन आतंकवादी देश में बड़ी वारदातें करने की फिराक में हैं।
गौरतलब है कि खुफिया विभाग ने ऐसे 36 आतंकवादियों की सूची एटीएस (आतंकवाद निरोध सेल) को सौंपी है। देश को दहलाने की आतंकी साजिशों की इस खुफिया सूचना के मद्देनजर बिहार में जांच एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। दरअसल विदित हो कि बिहार में पहले से ही आतंकियों की सक्रियता रही है। समय-समय पर छापेमारी के साथ गिरफ्तारी भी हुई है।
इन सभी मामलों पर अपनी नजर रखते हुए खुफिया एजेंसियां व पुलिस उन छद्म नाम, पता वाले आतंकियों की पहचान में जुटी हैं, जिसके बारे में एनआइए को सिर्फ भनक लगी है। साथ ही एनआइए की ओर से जारी आधा दर्जन महिला आतंकियों की तस्वीरों के आधार पर भी जांच चल रही है। देश में विभिन्न जगहों पर बम विस्फोटों में संलिप्तता के आरोप में बीते साल आइएम से जुड़े 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
जिनमें से तकरीबन 12 दरभंगा के हैं। ये हैं असादुल्लाह रहमान उर्फ दिलकश, कफील अहमद, तलहा अब्दाली उर्फ इसरार, मोहम्मद तारिक अंजुमन, हारुण राशिद नाइक, नकी अहमद, वसी अहमद शेख, नदीम अख्तर, अशफाक शेख, मोहम्मद आदिल, मोहम्मद इरशाद, गयूर अहमद जमाली और आफताब आलम उर्फ फारुक। एक मोहम्मद आदिल करांची (पाकिस्तान) का है।
इतना ही नही बल्कि इसी प्रकार से 27 अक्टूबर 2013 को पटना ब्लास्ट के बाद मुजफ्फरपुर का नाम पहली बार आतंकी घटना में सामने आया। इस मामले में आइएम सदस्य मो. अली की तलाश में एनआइए ने मनियारी और मीनापुर थाना क्षेत्र में छापेमारी की थी। हालांकि, वह पकड़ा नहीं गया। वहीं, मिठनपुरा थाने के मालीघाट इलाके से सटे सैयद कॉलोनी से मो. आफताब को दिल्ली में हिरासत में लिया गया था। इसके बाद उसके घर पर छापेमारी हुई।
वहीं इस दौरान लैपटॉप जब्त किया गया था। जांच के बाद उसे छोड़ दिया गया। बाद में एनआइए सरबर की तलाश में नगर थाने के चंदवारा स्थित अहमद लॉज में पहुंची थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। पता चला कि वह ब्लास्ट के एक-दो दिन बाद ही लॉज छोड़कर भाग गया था। एनआइए की पकड़ में नहीं आए मुजफ्फरपुर से जुड़े आतंकियों की भी तलाश हो रही है।
हालांकि इस सबसे परे जबकि मुजफ्फरपुर के एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि आतंकी अलर्ट जैसी कोई खुफिया इनपुट जिला पुलिस प्रशासन को प्राप्त नहीं है। संदिग्ध गतिविधियों को लेकर सतर्कता हर वक्त बरती जाती है। भीड़ वाली जगहों पर सादी पोशाक में भी पुलिस तैनात रहती है।