भोपाल! छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीएसपी के कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा कि मायावती ने उन सीटों की मांग की थी जहां पर वे जीत नहीं सकती थी.
गुरुवार को मीडिया के सामने आए मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि उन्हें जिन सीटों की सूची बहुजन समाज पार्टी की तरफ से दी गई थी उन सीटों पर उनकी जीत की कोई संभावना नहीं थी. उन्होंने कहा कि जिन सीटों पर वे जीत सकते थे वो सीटें उस सूची में शामिल ही नहीं थी. उन्होंने कहा कि बीएसपी ने उनसे 50 सीटों की मांग की थी.
अखिलेश के साथ हो सकता है गठबंधन
जब संवाददाताओं की तरफ से कमलनाथ से यह सवाल किया गया कि क्या आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में वे समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर सकते हैं? इसके जवाब में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कुछ दिन पहले ही अखिलेश यादव से उनकी बात हुई है.
गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले महागठबंधन को बड़ा झटका देते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश व राजस्थान विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेंगी. इतना ही नहीं बसपा कांग्रेस के साथ किसी भी स्तर पर कहीं भी मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी. बसपा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. यह बात मायावती ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कही. उत्तर प्रदेश में गठबंधन पर उन्होंने स्थिति साफ नहीं की है. वैसे सपा यूपी में बसपा से गठबंधन के लिए अभी भी प्रयास कर रही है.
मायावती ने कहा कि बसपा ने देशहित को ध्यान में रखकर हमेशा कांग्रेस का साथ दिया. इसके बदले काफी बदनामी मोल ली है, लेकिन बसपा नेतृत्व का शुक्रगुजार होने के बजाय कांग्रेस ने भाजपा की तरह पीठ पर पीछे से छुरा घोंपने का काम किया. उन्होंने कहा कि ताजा घटनाओं से कांग्रेस का रवैया ठीक नहीं लगता. ऐसी स्थिति में पार्टी व मूवमेंट के हित में बसपा कांग्रेस के साथ किसी भी स्तर पर गठबंधन नहीं करेगी. कांग्रेस के इसी रवैये से बसपा ने पहले कर्नाटक फिर छत्तीसगढ़ में क्षेत्रीय पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया.