गौरतलब है कि आगामी 1 फरवरी 2018 को देश का बजट पेश होने वाला है। इस बार का बजट कैसा होगा और कैसे आम आदमी की जेब पर कम बोझ पड़े जैसे मुद्दों को लेकर हर तरफ चर्चा है। लेकिन एक ऐसा समय था जब दुनिया में बेहद अजीबो-गरीब टैक्स लगाए जाते थे, जिन्हें अगर आज लगा दिया जाए तो हर तरफ हंगामा हो जाए। हालांकि, आज भी कुछ ऐसे टैक्स हैं जो चौंकाते हैं। तो आइए जानते हैं दुनियाभर के ऐसे ही कुछ अजीबो-गरीब टैक्स के बारे में।
ब्रेस्ट टैक्स – दक्षिण भारत के स्टेट ऑफ त्रावनकोर में महिलाओं पर ब्रेस्ट टैक्स लगाया जाता था। इस प्रक्रिया के लिए पहले ब्रेस्ट की माप ली जाती थी फिर उसी के अनुसार टैक्स कलेक्टर्स टैक्स वसूलते थे। त्रावनकोर में 19वीं सदी के शासकों ने ये नियम बनाया था कि छोटी जाति की महिलाएं अपने तन को ऊपर से ढक नहीं सकतीं, उन्हें उसे खुला रखना होगा।
अगर कोई महिला अपने तन को ऊपर से ढकती थी तो उसे टैक्स देना होता था। ये कुप्रथा यहां की एक बहादुर महिला नांगेली के बलिदान की बदौलत खत्म हुई। इस साहसी महिला ने अपने तन को ढका और टैक्स लेने आए अधिकारी को अपना ब्रेस्ट काटकर टैक्स के रूप में दे दिया। इस घटना के बाद नांगेली की तो मौत हो गई लेकिन घटना के अगले ही दिन त्रावनकोर के महाराजा ने यह टैक्स हटा दिया।
सेक्स टैक्स- क्या आपने कभी सेक्स टैक्स के बारे में सुना है। अगर नहीं तो फिर जान लीजिए कि जर्मनी में सेक्स टैक्स जैसे कानून बनाए गए हैं। यहां पर प्रॉस्टिट्यूटशन वैध है। जर्मनी में यह कानून साल 2004 में बनाया गया। इस कानून के तहत हर प्रॉस्टिट्यूट को
हर एक महीने में 150 यूरो सेक्स टैक्स देने पड़ते हैं। इस सेक्स टैक्स से यहां 1 साल में करीब एक मिलियन यूरो की आमदनी होती है।
गाय पर टैक्स – गाय पर टैक्स, ये सुन किसी भी भारतीय को अजीब जरूर लगेगा। लेकिन यूरोपीय यूनियन का कहना है कि गाय द्वारा छोड़ी जा रही गैस की वजह से ग्लोबल वॉर्मिंग हो रही है।
एक अध्ययन के मुताबिक, गाय जब हरे चारे को हजम करने के लिए जुगाली करती है तो इस वक्त वह मिथेन गैस छोड़ती है। लोगों गायों को कम से कम पाले इसके लिए कई यूरोपीय कंट्रीस ने गाय पालने पर टैक्स लगा दिया है। डेनमार्क में एक गाय को पालने पर करीब 7400 रुपए का टैक्स देना पड़ता है।
ताश के पत्तों पर टैक्स – ताश के पत्तों पर भी टौक्स लगता है। जी हां, अमेरिका के अलाबामा में ताश के पत्ते बेचने व खरीदने पर टैक्स देना पड़ता है। जिसमें खरीदने वाले को हर डेक पर 10 सेंट खर्च करने होते हैं वहीं बेचने वाले को 1 डॉलर का टैक्स देना होता है। साथ ही ताश के पत्तों को बेचने वालों को 3 डॉलर की लाइसेंस फीस भी देनी होती है।
यूरिनल टैक्स – ये टैक्स रेवेन्यू कलेक्ट करने का एक जरिया था। रोम के राजा वेस्पेशन ने यूरिनल टैक्स लगाया था लेकिन राजा के बेटे टाइटस ने इसका विरोध किया था। टाइटस का कहना था कि यूरिनल पर टैक्स लगाना गलत है। उसने अपने पिता से कहा कि यूरिनल पर टैक्स के लिए पैसों से बहुत बदबू आती है।
टैटू बनवाने पर टैक्स- अमेरिका के अरकानसास में टैटू बनवाने पर टैक्स लगता है। सरकार ने साल 2005 में टैटू करवाने व बॉडी पियरसिंग सर्विस पर 6% का टैक्स लगाया है।
दाढ़ी पर टैक्स- सन् 1705 में रूसी रूलर ‘पीटर द ग्रेट’ ने दाढ़ी पर टैक्स लागू किया था। क्योंकि वह यूरोप के क्लीन शेव वाले कल्चर की नकल करना चाहता था। यहां दाढ़ी रखने वाले लोगों को अपने पास एक टोकन रखना होता था, जो इस बात का प्रूफ होता था कि उन्होंने टैक्स पेय कर दिया है। लोग दाढ़ी न रखें इसके लिए टैक्स वाले टोकन पर लिखा होता था कि दाढ़ी महज एक बोझ है।