नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी और बेहद अहम जांच एजेंसी सीबीआई में भीतर जारी खेल और आपसी मतभेद की परतें धीरे-धीरे अब खुल कर सामने आने लगी हैं। जिसकी बानगी है कि सीबीआई के विशेष डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ घूस लेने के आरोप लगने के बाद जांच एजेंसी के ही डीएसपी देवेंद्र कुमार गिरफ्तार हुए हैं।
गौरतलब है कि जहां एक तरफ देवेंद्र कुमार ने इस गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई ने कोर्ट के सामने सारे सबूत रखते हुए देवेंद्र की हिरासत मांगी। वहीं दूसरी तरफ मामले में आरोप झेल रहे राकेश अस्थाना ने भी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपनी अर्जी में अस्थाना ने खुद के खिलाफ दायर एफआईआर रद्द करने की अपील की है। साथ ही मांग की है कि उनके खिलाफ कोई प्रतिरोधी कार्रवाई ना की जाए।
ज्ञात हो कि सोमवार को सीबीआई ने अपने ही दफ्तर में छापेमारी कर देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के खिलाफ देवेंद्र ने हाईकोर्ट में अपनी अर्जी दी है। जबकि विशेष निदेशक राकेश अस्थाना, एजेंसी के अधिकारी देवेंद्र कुमार, रिश्वत देने में भूमिका निभाने वाले मनोज प्रसाद और उसके भाई सोमेश के खिलाफ 15 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया है।
इसके साथ ही सीबीआई ने अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से घूस लेने के आरोप में रविवार को एफआईआर दर्ज की थी। बतादें कि कुरैशी धनशोधन और भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहा है। सीबीआई का आरोप है कि दिसंबर 2017 और अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत दी गई।
इतना ही नही बल्कि शनिवार को इस सिलसिले में देवेंद्र के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी भी की गई। ये मुकदमे सतीश साना की शिकायत के आधार पर दर्ज किए गए हैं। साना मांस कारोबारी मोईन कुरैशी से संबंधित मामले में जांच का सामना कर रहा है।