लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई के जनवरी 2019 तक टल जाने पर सियासी पारा भी खासा गर्म हो चला है। और इसको लेकर बयानबाजियों का दौर भी जारी है। इसी क्रम में आज प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि अयोध्या मामले में जनवरी तक के लिए सुनवाई टलना एक अच्छा संकेत नहीं है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इस पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं लेकिन इतना जरूर है हम चाहते थे कि आज से (29 अक्टूबर) से रोज सुनवाई हो।
गौरतलब है कि अयोध्या मामले की 29 अक्टूबर से सुनवाई होनी थी लेकिन मामला जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है। इस फैसले से भाजपा नेता निराश हैं और उनका कहना है कि इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा। मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी ने कहा किसी मुद्दे पर तारीख आगे बढ़ाना कोर्ट का विशेषाधिकार है लेकिन राम मंदिर मुद्दे पर सरकार के पास संवैधानिक विकल्प मौजूद है।
ज्ञात हो कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में दायर दीवानी अपीलों को जनवरी, 2019 में एक उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध किया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की पीठ ने यह बात कही। भूमि विवाद मामले में दीवानी अपील इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर की गई है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘हम जनवरी में उचित पीठ के सामने अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करेंगे।’