नई दिल्ली। रॉफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केन्द्र की मोदी सरकार ही नही बल्कि इस डील से जुड़ी कम्पनी और साझेदार सभी पर अपना वार करने में नही चूक रहे हैं। जिसकी बानगी है कि राफेल डील पर एक बार फिर करारा वार करते हुए उन्होंने कहा कि दसॉल्ट ने अनिल अंबानी की कंपनी में 284 करोड़ रुपये का निवेश किया और अनिल अंबानी ने उन्हीं पैसों से जमीन खरीदी।
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि दसॉल्ट के सीईओ झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने घाटे में चल रही कंपनी में 284 करोड़ रुपये का निवेश क्यों किया? वह केवल एक व्यक्ति को बचा रहे हैं जो देश चला रहा है। उन्होंने कहा कि सीबीआई प्रमुख को भी इसलिए हटाया गया, क्योंकि वो राफेल की जांच शुरू करने वाले थे।
इतना ही नही बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राफेल पर आज कुछ भी छुपा नहीं है, सब तथ्य पब्लिक डोमेन में हैं। हिंदुस्तान की जनता के पैसे से राफेल खरीदा जा रहा है, लेकिन सरकार जनता को उसी का दाम नहीं बता रही।
वहीं पीएम मोदी पर भी हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने व्यक्तिगत तौर पर यह सौदा कराया, मनोहर परिकर तो दूसरे नंबर पर थे। उन्होंने कहा कि ये मेरी गारंटी है कि अगर राफेल घोटाले की जांच होती है तो मोदी को कोई बचा नहीं सकता। ये सौदा सीधे तौर पर मोदी और दसॉल्ट कंपनी के बीच हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘मोदी ने यह अनुबंध साइन करने से पहले सीसीएस की मीटिंग भी नहीं कराई। उन्होंने सभी शर्तें तोड़ी हैं। विपक्ष एकजुट है, वह जेपीसी के गठन के लिए तैयार हैं, लेकिन मुझे भरोसा नहीं है कि मोदी जी जेपीसी का गठन कराएंगे, क्योंकि वो डरते हैं। मोदी जी को रात को नींद नहीं आ रही है। उन्हें डर है कि कभी न कभी पकड़े जाएंगे।’
हालांकि राहुल गांधी ने अपने आरोपों की पुष्टि के लिए कोई सबूत या दस्तावेज पेश नहीं किए। वहीं, उनके द्वारा लगाए गए आरोपों पर सरकार या अंबानी की ओर से भी फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जबकि उन्होंने राफेल सौदे के संबंध में लगाए गए सभी आरोपों को पहले ही खारिज कर दिया था।