Sunday , April 21 2024
Breaking News

शिक्षा विभाग में एक और बड़ी कारवाई, फर्जी प्रमाणपत्र वाले 5 शिक्षकों ने नौकरी गंवाई

Share this

लखनऊ। शिक्षा विभाग में एक के बाद एक फर्जीवाड़े के सामने आने और सख्त कारवाई किये जाने के बाद से हड़कम्प सा मचा हुआ है। इसी क्रम में अब फर्जी  शैक्षिक प्रमाणपत्रों के जरिए प्राथमिक स्कूलों में दो वर्ष से कार्यरत पांच सहायक अध्यापकों को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है। बीएसए ने यह कार्रवाई प्रमाणपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट मिलने के बाद की है। इन शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही रिकवरी का आदेश भी दिया गया है। कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है।

मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2016 में 16,448 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में जिले को 508 सीटें मिलीं थीं। इसके तहत अमेठी जिले में 434 अभ्यर्थियों को तीन सितंबर 2016 व कुछ को बाद में अलग-अलग तिथि में नियुक्ति दी गई थी। शिक्षकों की नियुक्ति होने के बाद विभाग ने सभी के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराया तो कई के अंकपत्र व प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए।

जिस पर कारवाई करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने संबंधित शिक्षकों से जवाब मांगा और व्यक्तिगत तौर पर बुलाकर सुनवाई भी की।  जिसके बाद प्रकरण को गंभीर मानते हुए जिला स्तरीय कमेटी ने फिलहाल पांच शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी है। बीएसए ने बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज कराने और अब तक लिए गए वेतन की रिकवरी करने का आदेश संबंधित ब्लॉकों के बीईओ को दिया है।

बीएसए ने पांच शिक्षकों को बर्खास्त किए जाने की पुष्टि की है। बताया कि कई अन्य शिक्षकों के खिलाफ भी जांच चल रही है। जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बर्खास्त होने वाले शिक्षक नयन कुमार ने बीएसए को पत्र भेजकर धमकी दी थी। इसका उल्लेख बीएसए के बर्खास्तगी आदेश में है। नयन ने तीन अक्टूबर को भेजे गए पत्र में बीएसए को धमकाते हुए कहा था कि किसी भी तरह की कार्रवाई, रिकवरी व एफआईआर की स्थिति में जान से हाथ धोना पड़ सकता है। उसने यह भी लिखा था कि मेरी सलाह को अन्यथा लेने की गलती मत कीजिएगा।

Share this
Translate »