लखनऊ। अयोध्या में जारी सरगर्मियों के बीच वहां अल्पसंख्यकों में दहशत होने की लगातार जारी चर्चा को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने आज बखूबी सफाई दी और कहा कि हिंदुओं व रामभक्तों के खिलाफ राम विरोधी ताकतों की साजिश करार दिया है। इसके साथ ही कहा कि अयोध्या में न कोई भयभीत है और न कोई अनहोनी होने जा रही है। मुस्लिम समाज के लोग भी पहले की तरह निर्भीकता से रह रहे हैं।
गौरतलब है कि उन्होंने कहा कि धर्मसभा में आने वाले रामभक्त सिर्फ अपनी आस्था और भावनाएं तथा मंदिर निर्माण की इच्छा प्रकट करने आ रहे हैं। वे सिर्फ यह बताना चाहते हैं कि अयोध्या की अनदेखी और मंदिर निर्माण में देरी बर्दाश्त के बाहर होती जा रही है। अयोध्या में दहशत की खबरें फैलाने के पीछे राम विरोधी ताकतों की साजिश है। ये हिंदू समाज को और रामभक्तों को बदनाम करना चाहती हैं।
विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि हिंदुओं और रामभक्तों को बदनाम करने वाली ताकतें माहौल को खराब कर रही हैं। धर्मसभा, मुसलमानों के विरुद्ध नहीं बल्कि मंदिर निर्माण में अड़ंगा डालने वालों को हिंदू समाज की चेतावनी देने के लिए है। अयोध्या पर ऐसे अनर्गल, झूठे और तथ्यहीन बयान देने वाले भारत और हिंदू समाज की दुनिया में छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। इनसे देश और प्रदेश में रामभक्त मोदी और योगी की सरकार पच नहीं रही है। यही नहीं, रामभक्तों और हिंदुओं की ताकत पर आगे बढ़ रही भाजपा से भी इन्हें जलन होने लगी है। डर लगने लगा है। इसीलिए मनगढ़ंत बातों से माहौल खराब करने की कोशिश हो रही है।
हिंदुओं की एकजुटता से तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले भयभीत हैं। इन्हें लगने लगा है कि हिंदू समाज इसी तरह एकजुट रहा तो उनके पांव उखड़ जाएंगे। उनका राजनीति करना मुश्किल हो जाएगा। इसीलिए वह तरह-तरह की साजिश करके हिंदू समाज को बदनाम करने का षडयंत्र रच रहे हैं। धर्मसभा में आने वाले रामभक्त मंदिर विरोधियों को हिंदू समाज का संदेश देंगे कि मंदिर निर्माण में अड़ंगा न डालें। इसके बाद शांतिपूर्वक वापस लौट जाएंगे।