नई दिल्ली! ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा टेस्ट विकसित किया है जिसके जरिए महज 10 मिनट के टेस्ट के अंदर ही हर तरह के कैंसर का पता लग जाएगा. वैसे तो यह टेस्ट फिलहाल एक्सपेरिमेंट के स्टेज में है लेकिन अलग-अलग तरह के कैंसर के 200 सैंपल की जांच के दौरान यह टेस्ट 90 प्रतिशत ऐक्यूरेट साबित हुआ है.
वैज्ञानिकों ने ये शोध क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी में किया, जिसमें मरीज के खून का सैंपल लिया जाता है. इसके बाद मॉलिक्यूल्स के पैटर्न की जांच की जाती है. इसे मेथाइल ग्रुप कहते हैं. बता दें कि इस मॉलिक्यूल से ही DNA बना होता है. अपने इस शोध में वैज्ञानिकों ने रंग बदलने वाले फ्लूइड का इस्तेमाल किया, जिसके जरिए खून में मौजूद घातक सेल्स की मौजूदगी का पता चलता है. हालांकि अभी इस टेस्ट को अभी और प्रमाणिकता की जरूरत है और उसी के बाद यह व्यावसायिक रूप से अस्पतालों और क्लीनिक्स में किया जाना शुरु होगा.
बता दें कि यह टेस्ट कैंसर डीएनए में मौजूद मॉलिक्यूल्स जिन्हें मेथाइल ग्रुप कहते हैं, पर निर्भर करता है. यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन्सलैंड के अनुसंधानकर्ताओं ने जब मेथाइलस्केप की जांच की तो पाया कि यह हर तरह के ब्रेस्ट कैंसर में मौजूद था. इसके साथ ही प्रॉस्टेट कैंसर, पेट का कैंसर और लिम्फोमा कैंसर के लिए भी यह सही साबित हुआ.
गौर हो कि फिलहाल बायॉप्सी रिपोर्ट आने में 7 से 15 दिन का वक्त लगता है और इस देर की वजह से भारत जैसे देशों में कैंसर का इलाज काफी मुश्किल हो जाता है. कैंसर के ज्यादातर मामलों में सर्वाइवल रेट सिर्फ 20 प्रतिशत है क्योंकि ज्यादातर मरीज उस वक्त डॉक्टर के पास पहुंचते हैं जब उनका कैंसर तीसरे या चौथे स्टेज में पहुंच चुका होता है. अगर शुरुआत में ही डॉक्टर के पास पहुंचा जाए तो 80 प्रतिशत के लगभग मरीजों की जान बचाई जा सकती है.