नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने मेघालय हाई कोर्ट के न्यायधीश जस्टिस एसआर सेन की भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ घोषित करने वाली टिप्पणी पर अपना विरोध जताते हुए कड़ी टिप्पणी व्यक्त की हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और हमेशा धर्मनिरपेक्ष ही रहेगा। अब्दुल्ला ने आगे कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है, इसलिए जस्टिस एसआर सेन जो कहना चाहते हैं कह सकते हैं।
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि जस्टिस एसआर सेन को क्या पसंद है और क्या नहीं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत को हमारे पूर्वजों ने एक ‘धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र’ बनाया है और हमें देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र की रक्षा करनी चाहिए। यह ‘विविधता में एकता’ का सवाल है। आपको बता दें कि मेघालय हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस आर सेन ने कहा था कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था।