नई दिल्ली। हाल की बुलंदशहर हिंसा समेत कई अन्य गौरक्षा के नाम पर हुई हिंसा पर बॉलीवुड के मशहूरो मारूफ अदाकार नसीरूद्दीन शाह ने हमेशा की तरह फिर एक बार अपनी बखूबी बेबाक राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस वक्त समाज में जहर फैल चुका है। लोगों को खुली छूट मिल चुकी है। दोबारा इस जिन्न को बोतल में बंद करना आसान नहीं है।
उन्होंने बुलंदशहर में हुई हिंसा पर कहा कि कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि गाय की मौत को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है इंस्पेक्टर की मौत से। आज गाय की जान इंसान से ज्यादा कीमती है। उन्होंने कहा कि आज कानून हाथ में लेने की खुली छूट है। हालांकि मुझे देश में डर नहीं लगता लेकिन गुस्सा आता है। अपने बच्चों के लिए फिक्र होती है क्योंकि उनका मजहब ही नहीं है।
अपने एक इंटरव्यू में नसीरूद्दीन शाह ने देश के हालात, समाज की परेशानियों और अपने परिवार के बारे में बात की है। इसी इंटरव्यू में नसीर ने कहा कि, मजहबी तालीम मुझे मिली थी और रत्ना(उनकी पत्नी) को थोड़ी बहुत मिली है। हमने अपने बच्चों को मजहबी तालीम नहीं दी है क्योंकि मेरा ये मानना है कि अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है। दुनिया के बारे में हमारा जो विश्वास है जो मत है वो हमने उन्हें बताया है।
उन्होंने कहा कि मुझे फिक्र अपने बच्चों के बारे में ये होती है क्योंकि उनका मजहब ही नहीं है। कल को किसी भीड़ ने उन्हें घेर लिया तो उनके पास तो कोई जवाब नहीं होगा। ये हालात मुझे जल्द सुधरते नजर नहीं आते। उनका कहना है कि मुझे गुस्सा आता है और हर सही सोच रखने वाले को गुस्सा आना चाहिए।