लखनऊ। प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत पहले से ही दयनीय है और जिस तरह से कासगंज के बाद आज शाहजहांपुर में तिरंगा यात्रा के नाम पर बवाल से तमाम सवाल शासन और प्रशासन के लिए खड़े हो रहे हैं। क्योंकि अब तथाकथित गोरक्षकों के बाद इन तथाकथित तिरंगाधारियों से भी सरकार को सख्ती से निपटना होगा वर्ना इस प्रकार के तत्व एक नयी दुश्वारी पैदा कर उसके लिए भारी संकट पैदा कर सकते हैं। वहीं आज हुई इस घटना से मुख्यमंत्री योगी द्वारा की गई सख्ती सहित डीजीपी ओ पी सिंह द्वारा जारी किये गए निर्देशों की कलई एक ही दिन में खुलकर सामने आ गई। ऐसे में जानकारों की मानें तो उनके मुताबिक अब वाकई अब सख्त् आदेश के बजाय शासन प्रशासन को सख्ती से पेश आने की अहम जरूरत है इसके बिना कानून व्यवस्था को सम्हालना बहुत मुश्किल है।
गौतलब है कि कासगंज घटना पर केन्द्र की भी नजरें बनी हुई हैं और प्रदेश के गवर्नर भी तल्ख टिप्पणी कर चुके हैं। वहीं कल ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कासगंज की घटना पर सख्त लहजे में कहा था कि अराजकता कतई बर्दाश्त नही की जाएगी वहीं साथ ही प्रदेश के डीजीपी सिंह ने भी सभी जिलों के कप्तान एवं पुलिस अफसरों को सख्त निर्देश जारी किए थे लेकिन आज बावजूद इसके तिरंगा यात्रा के नाम पर तथाकथित लोगों ने शाहजहांपुर में माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की इतना ही नही हद की बात यह है कि अपद्रवियों ने बीच बचाव कराने की कोशिश कर रही पुलिस से भी धक्का-मुक्की करते हुए धनकपुर गांव के निवासी ब्रजेश को पकड़ लिया, उसे बिरियागंज पुलिस चौकी के अंदर ले जाकर जमकर पीटा। इन उपद्रवियों के बुलंद हौसले देखिए कि उन्होंने चौकी के अंदर युवक को पीटने की जुर्रत की और बेचारी पुलिस की लाचारी कि उसने ऐसा होता देखने की हिमाकत की। वहीं बाद में थाने से भी बड़ी संख्या में पुलिस बल आने पर भी उपद्रवी थाने पर एकत्रित होकर नारेबाजी करते रहे।
बेहद अहम बात है कि कासगंज की स्थिति अभी पूरी तरह से सामान्य नही हो सकी है और सूबे की पुलिस के मुखिया सिंह ने संभवतः इन घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ही बेहद सधे और कारगर दिशा निर्देश जारी किए थे लेकिन बेहद खेदजनक कि बावजूद इसके आज शाहजहांपुर में तिरंगा यात्रा के नाम पर घटना हो ही गई। लेकिन समय पर हालात संभाल लिए गए।
कानून व्यवस्था के जानकारों के मुताबिक ऐसी ही घटनाए प्रदेश का न सिर्फ माहौल बिगाड़ती है बल्कि ये ही धीरे धीरे प्रदेश के लिए विकराल रूप धारण कर अमन चैन को निगल जाती हैं। इसलिए समय रहते अगर इन घटनाओं को रोका नही गया तो जल्द ही चुनावी मौसम में यह विकराल रूप धारण कर लेंगी तब फिर पुलिस की जिम्मेदारियां और भी बढ़ चुकी होगी ऐसे में इन से पार पाना बेहद मुश्किल ही नही बलिक् टेढ़ी खीर साबित होगा।