नई दिल्ली! दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को स्पष्ट किया कि विधायक अलका लांबा से इस्तीफा नहीं मांगा गया है। अलका लांबा ने भी बाद में स्पष्ट किया कि वो इस्तीफा देने नहीं जा रही हैं। दरअसल शुक्रवार को खबर आई कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लेने की मांग से जुड़े दिल्ली विधानसभा से पारित प्रस्ताव से नाराज पार्टी विधायक अलका लांबा से इस्तीफा मांगा गया है और लांबा ने भी कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनसे विधायक पद से इस्तीफा देने को कहा है और पार्टी प्रमुख के फैसले को स्वीकार कर इस्तीफा दे देंगी।
शनिवार को सिसोदिया ने बताया कि 1984 के सिख दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिये विधानसभा में पिछले दो दिनों से चल रही चर्चा के दौरान पारित एक प्रस्ताव को लेकर यह विवाद पैदा हुआ था, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लेने की बात कही गयी थी। सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि भारत रत्न सम्मान वापस लेने की बात मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं थी, यह संशोधित प्रस्ताव था।
शुक्रवार को अलका लांबा ने ट्वीट किया, ‘आज दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिए, मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने को कहा गया, जो मुझे मंजूर नही था, मैंने सदन से वॉक आउट किया। अब इसकी जो सजा मिलेगी,मैं उसके लिए तैयार हूं।’
उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को किसी एक कार्य के लिए भारत रत्न नहीं मिलता है। देश के लिए जीवन पर्यन्त उल्लेखनीय कार्यों के लिए यह सम्मान दिया जाता है। इसलिए किसी एक वजह से भारत रत्न वापस लेने की बात का समर्थन करना उचित नहीं है। राजीव जी ने देश के लिए कुर्बानी दी है, इस बात को नहीं भुलाया जा सकता है।
अब उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही है कि पार्टी ने देश द्वारा स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिए गए भारत रत्न का समर्थन किया है, श्री राजीव गांधी जी के अतुलनीय बलिदान और त्याग को यह देश कभी नही भुला सकता है। मैं उस प्रस्ताव की प्रति को हटा रही हूँ,जो कि विधानसभा में पास ही नही हुई।’