नई दिल्ली। स्कूल जिन्हें हम अपने बच्चों के लिए संस्कारवान और उज्जवल भविष्य बनाने का केन्द्र मानते हैं वहां ही जिस तरह से आज बच्चों की जान का खतरा मंडराने लगे और उनके साथ् वहां ही ऐसी ज्यादती और घिनौनी हरकतें होने लगें तो यह हद है और यह हमारे सभ्य समाज के मुह पर करारा तमाचा और भद्द है। इसी क्रम में एक और दिल दहला देने वाला मामला आया है जिसमें झारखंड के चाईबासा जिले के एक स्कूल में प्रिंसिपल ने एक अमानवीय कदम उठाया है। उन्होंने चोरी का सच जानने के लिए छात्रों की कोमल हथेलियों को मोमबत्ती के साथ जला दिया।
जानकारी के अनुसार, यह मामला गुरुवार का चाईबासा के चक्रधरपुर के प्राइवेट स्कूल बरूटा मेमोरियल का है। इसमें चौथी कक्षा के एक छात्र के 200 रुपए चोरी हो गए। छात्र ने चोरी की शिकायत प्रिंसिपल से की। इस दौरान प्रिंसिपल ने सभी छात्रों से पूछताछ की लेकिन किसी ने भी चोरी की बात को स्वीकार नहीं किया।
प्रिंसिपल ने एक मोमबत्ती जला कर सभी छात्र से कहा कि जिसने चोरी की है, उसका हाथ जल जाएगा और जिसने चोरी नहीं की, उसका हाथ नहीं जलेगा। इसलिए सभी छात्र बारी-बारी से जलती मोमबत्ती पर हाथ रखते जा रहे थे और चोरी नहीं करने की शपथ ले रहे थे। इस बीच प्रिंसिपल ने सजा के रूप में 12 छात्रों का हाथ जलती मोमबत्ती पर रखवा दिया।
बता दें कि प्रिंसिपल के इस खौफनाक कदम से 7 छात्रों के हाथ जल गए, जिसमें 4 छात्र हैं और 3 छात्राएं हैं। छात्रों के परिजनों ने सजा के इस ढंग का पुरजोर विरोध किया। इस मामले में प्रिंसिपल का कहना है कि स्कूल में लगातार चोरी के मामले बढ़ने के कारण छात्रों के मन में भय पैदा करने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया।