गठिया की शुरुआत घुटनों, पीठ या अंगुलियों के जोड़ों में मामूली दर्द के साथ होती है, लेकिन अक्सर लोग इस मामूली दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं. गाड़ी से उतरते समय एकाएक शुरू होनेवाले पैर या कूल्हे में होनेवाले दर्द को लोग गंभीरता से नहीं लेते. लोग समझते हैं कि अभी उनकी उम्र गठिया से पीड़ित होने की नहीं है और दर्द का कारण सामान्य-सा मोच है. गठिया की शुरुआत आमतौर पर स्त्रियों में 35 वर्ष की उम्र में एवं पुरुषों में 40 वर्ष की उम्र में हो जाती है. लोगों को सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में दर्द होता है, नीचे बैठ कर उठने में दर्द होता है और कभी-कभी सोने के बाद भी दर्द होता है.
गठिया होने का क्या है प्रमुख कारण : गठिया का सबसे बड़ा कारण कसरत करने की आदत एकदम से छोड़ देना है. अगर आप फुटबॉल, टेनिस, बास्केटबॉल खेलते हैं या ऐरोबिक्स करते रहे हैं और इसे एकदम से बंद कर देते हैं, तो इसका जोड़ों पर काफी बुरा असर पड़ता है. गठिया का एक और बड़ा कारण मोटापा या अत्यधिक वजन का होना भी है.
आधुनिक जीवनशैली के परिणामस्वरूप लोगों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है. मोटापा जोड़ों को कमजोर करता है. पहले वैज्ञानिक मानते थे कि गठिया के लिए केवल कार्टिलेज का क्षय ही उत्तरदायी है. गलत फीटिंग के जूते, जूतों का घिसना या चोट जोड़ों में गठिया पैदा कर सकता है. लेकिन इस बीमारी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सबके शरीर में होनेवाली जैव रासायनिक क्षतिपूर्ति में भिन्नता की होती है. कुछ लोगों के जोड़ों का कार्टिलेज किसी भी क्षति से अपना बचाव करने में ज्यादा सक्षम होता है. ऐसे लोगों के जोड़ ज्यादा स्वस्थ रहते हैं.
घुटनों के गठिया का इलाज- यदि घुटनों में दर्द बहुत रहता है, तो दर्द की गोलियां कुछ दिनों तक सेवन करें. इससे दर्द यदि कम हो जाता है, तो प्रतिदिन प्रात: भ्रमण करें. यदि जोड़ एकदम घिस गया है और हर कदम मुश्किल से चल पाते हैं, तो घुटने का नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी ही 21वीं सदी का इलाज है. वैज्ञानिक प्रतिदिन अनुसंधान कर रहे हैं कि कोई नयी चिकित्सा पद्धति का इलाज ईजाद हो, ताकि जोड़ों का घिसना बंद हो जाये और लोग नी-रिप्लेसमेंट से बच सकें.
ऐसे करें बचाव- स्वस्थ जीवन चाहिए, तो शाकाहार को अपनाइए. अब तो मेडिकल साइंस भी कहता है कि हमारे लिए शाकाहार ही उत्तम है, जो तमाम रोगों से दूर रखता है. असल में मांसाहार कैंसर तत्वों को बढ़ावा देता है. इसलिए इससे बचना ही श्रेयस्कर है. घुटनों की मजबूती के लिए रोज कम-से-कम 3 से 5 किलोमीटर तेज कदम से चलें. बाहर संभव न हो, तो घर के अंदर ही चलें.
जो लोग कंप्यूटर पर देर तक लगातार काम करते हैं, वे बीच-बीच में उठ कर आधा घंटा टहल आएं. इससे शरीर का मूवमेंट बना रहेगा और रक्त का संचारण सही रहेगा. लोग कहते हैं कि सीढ़ियां न चढ़ें, मैं कहता हूं कि सीढ़ियां रोज चढ़ें. यह घुटनों के लिए बेस्ट एक्सरसाइज है. इसके अलावा कुछ अन्य भी अभ्यास कर सकते हैं, जैसे- कुछ पकड़ कर या सहारा लेकर बैठे और थोड़ी देर बाद उठें.
पैरों को दोनों हाथों से मोड़ लीजिए, फिर खोलिए. घुटनों में दर्द है, तो 10-10 सीढ़ियां ही चढ़ें. चलना मत छोड़िए, वरना चार-पांच लाख रुपये खर्च करके भी आप समस्या से घिरे रहेंगे. गठिया से ग्रस्त होने पर पानी ज्यादा मात्रा में पीएं. पानी का ज्यादा सेवन गठिया में फायदेमंद है. साथ ही डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम या सप्लीमेंट ले सकते हैं.