नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस ने बेहद ही सधे अंदाज में अपना अहम और कारगर दांव प्रियंका गांधी बाड्रा के रूप में चल भाजपा को एक करारा झटका दे ही दिया। क्योंकि प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश कई गुना बढ़ जाना तय है। वहीं भाजपा के लिए अब राह पहले से और भी मुश्किल हो गई है। अहम बात ये है कि प्रियंका गांधी को न सिर्फ देश के सबसे अहम सूबे उत्तर प्रदेश का महासचिव बनाया गया है बल्कि खासकर भाजपा का गढ़ रहे पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी है। इतना ही नही प्रियंका के आने से यूपी में खुद को अपने को भाजपा के मुकाबले में बता रहे सपा बसपा को भी काफी हद तक झटका लगना भी तय है।
गौरतलब है कि कभी देश की महान नेता और प्रियंका गांधी की दादी इंदिरा गांधी ने भी प्रियंका की क्षमताओं को आंकते हुए काफी बड़ी और बेहद अहम बात कही थी कि जब भी प्रियंका राजनीति में आयेगी तो लोग उनको भूल जायेंगे। इतना ही नही कांग्रेस के चाणक्य और इंदिरा गांधी के सबसे भरोसेमंद नेता माखनलाल फोतेदार द्वारा इस बाबत बताई बातों पर गौर करें तो उनके अनुसार उस वक्त इंदिराजी ने मुझे कहा कि मेरे यहां एक लड़की है जिसका नाम प्रियंका है। उसका भविष्य बहुत अच्छा है। जब वो बड़ी हो जाएगी। थोड़ा-बहुत सोचने लगेगी। लोग मुझे भूल जाएंगे, उसको याद करेंगे।”
इतना ही नही बल्कि “इंदिरा जी ने ये भी कहा कि देश के भविष्य के लिए जो मैं हूं, वो भी बन सकती है। उनके हाथ में जिस वक्त देश की कमान रहेगी, वो बहुत मजबूत रहेगी।” वहीं अगर तमाम विरोधी इन सब बातों को एक पल को नकार भी दें। लेकिन अगर कुछ साल पहले साल 2014 का चुनावी प्रचार के दौरान अमेठी और रायबरेली में प्रियंका ने ग्रामीणों के बीच इतना सहज अभियान चलाया कि लोग उनके मुरीद हो गए। हैंडलूम की साड़ी में, एसपीजी से बेपरवाह, लोगों के बीच बड़े ही अपनत्व के भाव से लबरेज प्रियंका अक्सर इंदिरा गांधी की याद दिलाती हैं। क्योंकि दोनों ही में एक समानता है कि वो अपनी सौम्य मुस्कुराहट से जनता को कायल करना जानती हैं।
ज्ञात हो कि पिछले काफी समय से कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं समेत कांग्रेस समर्पित वोटरों की मांग रही थी कि कैसे भी प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में आऐं क्योंकि उन सभी का मानना था कि उनके आने से पार्टी को न सिर्फ बल मिलेगा बल्कि एक तरह से उनका आना पार्टी के लिए जैसे संजीवनी का काम करेगा। वहीं मौजूदा वक्त में जब कांग्रेस द्वारा भाजपा और मोदी के खिलाफ जारी महागठबंधन की कवायद पर हाल फिलहाल कोई परिणाम नजर नही आते दिखे और खासकर देश के अहम सूबे उत्तर प्रदेश में ही सपा बसपा द्वारा इस तरह से अनदेखी बेहद गंभीर बात थी। संभवतः इन्हीं सब बातों को देखते ही कांग्रेस ने अपना बेहद ही कारगर दांव चला।
इसकी ही बानगी है कि अपने दो दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका वाड्रा को कांग्रेस महासचिव व पूर्वी यूपी प्रभारी बनाए जाने पर कहा कि मेरी बहन इस जिम्मेदारी को संभालने के काबिल है। उनमें काफी क्षमताएं हैं। जरूरत है कि उत्तर प्रदेश को नई दिशा दी जाए। राहुल ने कहा कि कांग्रेस के इस फैसले से भाजपा के लोग घबराए हुए हैं। राहुल ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि प्रदेश की जनता सही फैसला करे। उन्होंने कहा कि यूपी में कांग्रेस की अनदेखी नहीं की जा सकती। कांग्रेस पार्टी प्रदेश में पूरे दमखम से लड़ेगी। इस दौरान राहुल गांधी सपा-बसपा पर बोलने से बचते रहे और भाजपा पर निशाना साधा। प्रियंका वाड्रा की राजनीति में सीधी इंट्री पर कांग्रेस कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं और इसे राहुल गांधी का मास्टर स्ट्रोक करार दे रहे हैं।