नई दिल्ली। सक्रिय राजनीति में प्रवेश लेते ही प्रियंका गांधी वाड्रा भाजपा के तमाम नेताओं के निशाने पर तो आ ही गई हैं वहीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा अच्छी महिला हैं लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा की सियासत में एंट्री से राहुल जी ने भी मान लिया है कि वह अकेले राजनीति नहीं कर सकते इसलिए वह प्रियंका की मदद ले रहे हैं। यह अच्छी बात है।
गौरतलब है कि इससे पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रियंका को पूर्वांचल का प्रभारी बनाए जाने को परिवाद का राज्याभिषेक बताया। उन्होंने कहा था कि यह राहुल गांधी की नाकामी की सार्वजनिक घोषणा है। नए भारत में आखिर कबतक परिवारवाद चलेगा? हमारे लिए पार्टी ही परिवार है जबकि उनके लिए परिवार ही पार्टी है।
जबकि वहीं वहीं उत्तरप्रदेश में भाजपा के प्रभारी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था कि आधिकारिक रूप से प्रियंका गांधी को महासचिव बनाया दिया गया है, हर किसी को पता है यह परिवार की पार्टी है। यह राहुल गांधी की नाकामी का पहला एलान है। उन्हें यह बताना चाहिए कि परिवारवादी सोच पर उनकी क्या राय है?
ज्ञात हो कि गुलाम नबी आजाद को उत्तर प्रदेश के प्रभारी पद से हटाकर प्रियंका गांधी को पूर्वांचल और ज्योतिरादित्य सिंधिया को यूपी पश्चिम का प्रभारी बनाया गया है। प्रियंका फरवरी के पहले सप्ताह में प्रभार ग्रहण करेंगी। देश के सबसे अहम सूबे में कांग्रेस द्वारा ऐन चुनाव से पहले कांग्रेस के इस दांव चलने से कांर्यकर्ताओं में बेहद ही उत्साह का माहौल है।