लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सियासी दलों द्वारा अभी से बढ़ चढ़ कर लोक लुभावने दावे किये जाना बखूबी जारी है। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा 2019 में हर गरीब को न्यूमतम आय सुनिश्चित करने को लेकर किये गए वादे पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने हमला बोलते हुए कहा है कि विश्वसनीयता के मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सरकारों का रिकॉर्ड ऐसा अच्छा नहीं रहा है कि जनता इन पर आसानी से विश्वास कर ले। ‘इसीलिए केवल सत्ताधारी बीजेपी को ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी को भी देश की आम जनता खासकर करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों और बेरोजगारों से ऐसा कोई भी वादा नहीं करना चाहिए जो अन्ततः छलावा व धोखा साबित हो।’
इसके साथ ही मायावती ने कहा कि चुनावी वादे और घोषणा-पत्र पर तो लोगों को बिल्कुल भी भरोसा नहीं रहा है। इस संबंध में कुछ फैसले अगर लागू भी हुए तो वे केवल दिखावटी ही साबित हुए हैं, जो जग-जाहिर है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस लुभावनी घोषणा से पूरा देश आशंकित है कि ‘सत्ता में आए तो देश में गरीबी और भूखमरी का अंत करने के लिए न्यूनतम आय की गारंटी सुनिश्चित करेंगे’।
इतना ही नही बल्कि उन्होंने कहा कि इस घोषणा से पूरा देश चकित व आशंकित है कि कहीं यह भी उनके साथ वैसा ही छलावा व क्रूर मजाक तो नहीं है जो पूर्व की इनकी सरकारों ने किया है। उन्होंने कहा कि “गरीबी हटाओ” का बहुचर्चित नारा और वर्तमान में केन्द्र की बहुमत वाली बीजेपी सरकार का विदेश से कालाधन वापस लाकर देश के हर गरीब को 15 से 20 लाख रूपये देकर उनके “अच्छे दिन” लाने का लोक-लुभावन वायदा पूरी तरह से छलावा व वादाखिलाफी ही साबित हुआ है।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रमुख को ऐसी कोई भी घोषणा व ऐसा कोई भी वायदा देश की जनता से करने के पहले जनहित, जनकल्याण व गरीबी उन्मूलन की उन योजनाओं को कांग्रेस शासित राज्यों में से खासकर राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में सही से लागू करके दिखाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा द्वारा किसानों की दुर्दशा समाप्त कर उन्हें आत्महत्या की मजबूरी से मुक्ति दिलाने व उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिलाने का वायदा भी केवल हवा-हवाई व छलावा साबित हुआ है।