नई दिल्ली। चीन द्वारा लगतार जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के राह में अड़ंगा लगाए जाने से अमेरिका सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के कई सदस्य नाराज हैं। यूएनएससी के कई देश के सदस्यों ने कहा है कि चीन के इस रवैये के बाद ‘‘अन्य कदम उठाने पर मजबूर’’ हो सकते हैं।
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के विचार-विमर्श गोपनीय हैं, हम किसी विशिष्ट मामलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं। लेकिन हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध समिति के साथ काम करना जारी रखेंगे ताकि पदनाम सूची को अपडेट और सटीक बनाया जा सके। चीन के संबंध में, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन क्षेत्रीय स्थिरता और शांति प्राप्त करने के लिए आपसी हित साझा करते हैं, मसूद अजहर को आतंकी घोषित न किया जाना इस लक्ष्य के उलट है।’
सुरक्षा परिषद के एक दूत ने कहा कि पाकिस्तान चीन की मदद से जैश के मुखिया अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने से कई बार बचाता रहा है। चौथी बार भी चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने से बचाया है। यदि इसी तरह चीन अजहर को बचाता रहा तो सुरक्षा परिषद् के अन्य सदस्यों को सख्त रुख अपनाने पड़ेंगे। लेकिन हालात को यहां तक नहीं आना चाहिए।
वहीं एक अन्य दूत ने चीन को असामान्य कड़ी चेतावनी देते हुए समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ यदि चीन इस कार्य में बाधा पैदा करना जारी रखता है, तो जिम्मेदार सदस्य देश सुरक्षा परिषद में अन्य कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं।
एक अन्य दूत ने एक प्रश्न के जवाब में कहा, ‘‘चीन ने चौथी बार सूची में अजहर को शामिल किए जाने के कदम को बाधित किया है। चीन को समिति को अपना वह काम करने से रोकना नहीं चाहिए, जो सुरक्षा परिषद ने उसे सौंपा है।’’ बता दें कि संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में होने वाला विचार- विमर्श गोपनीय होता है और इसलिए सदस्य देश सार्वजनिक रूप से इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। इसलिए दूतों ने भी अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने का आग्रह किया।
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने चीन के इस कदम को अस्वीकार्य करार दिया और कहा, ‘‘ चीन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र को उस जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने से रोक दिया, जिसने फरवरी में भारत में पुलवामा हमला किया था। मैं चीन से अपील करता हूं कि वह संयुक्त राष्ट्र को अजहर पर प्रतिबंध लगाने दे।’’
ज्ञात हो कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की भारत की कोशिश को बुधवार को उस समय एक और झटका लगा जब चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी। फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘‘1267 अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी’’ के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को पेश किया था।