केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च महीने में खाने-पीने की चीजों के समूह की मुद्रास्फीति बढ़कर 0.3 फीसदी हो गयी, जो कि फरवरी में 0.66 फीसदी घटी थी. ईंधन और प्रकाश श्रेणी में भी मुद्रास्फीति बढ़ी. मार्च में ईंधन और प्रकाश खंड में मुद्रास्फीति बढ़कर 2.42 फीसदी हो गयी, जो फरवरी में 1.24 फीसदी थी.
नयी दिल्ली! खाने-पीने की चीजों और ईंधन के दाम बढ़ने से देश में खुदरा मुद्रास्फीति की दर मार्च महीने में 0.29 फीसदी बढ़कर 2.86 फीसदी पर पहुंच गयी. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति एक महीना पहले फरवरी में 2.57 फीसदी रही थी, जबकि एक साल पहले मार्च में यह 4.28 फीसदी पर थी. खुदरा मुद्रास्फीति अब करीब आठ महीने से रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर चार फीसदी के दायरे में बनी हुई है. जुलाई, 2018 में यह 4.17 फीसदी रही थी.
फलों और सब्जियों में मार्च में क्रमश: 5.88 फीसदी और 4.90 फीसदी की गिरावट रही. अनाज और उससे उत्पादित चीजों की मुद्रास्फीति घटकर 1.25 फीसदी रह गयी, जो पिछले महीने 1.32 फीसदी थी. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 2.9 से 3 फीसदी कर दिया है.
खाद्य वस्तुओं तथा ईंधन कीमतों में कमी तथा वर्ष के दौरान सामान्य मानसून की उम्मीद के बीच केंद्रीय बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को कम किया. वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति की दर 3.5 से 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.