वाराणसी! लोकसभा चुनाव में शानदार सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को जीत की केमिस्ट्री बताई और जातिवादी राजनीति करने के लिए विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथों लिया. पीएम ने कहा, ‘चुनाव के परिणाम एक गणित होता है, लेकिन देश के राजनीतिक जानकारों को मानना होगा कि गणित के आगे भी एक केमिस्ट्री होती है. देश में समाज शक्ति की केमिस्ट्री, आदर्शों और संकल्पों की केमिस्ट्री किसी भी अंक गणित को पराजित कर देती है.’ पीएम ने कहा, ‘देश की राजनीति में हमें अछूत समझा जाता है.’
पीएम ने कहा, राजनीतिक पंडितों को सोचना पड़ेगा कि परसेप्शन क्रिएट करने वाली कोशिशों को भी पारदर्शिता और परिश्रम से हराया जा सकता है. पीएम ने कहा, ‘हमारे लिए भी पारदर्शिता और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है. हम लोगों को लगता है कि सरकार और संगठन के बीच में तालमेल बहुत बड़ी ताकत होती है. बीजेपी ने सफलतापूर्वक इसे साकार किया है. सरकार नीति बनाती है और संगठन रणनीति बनाता है. नीति और रणनीति का तालमेल सरकार और संगठन के तालमेल का प्रतिबिंब होता है.’
उन्होंने कहा, ‘जो स्नेह और शक्ति मुझे काशी ने दी है, वैसा सौभाग्य शायद ही किसी को मिला हो. यहां एक प्रकार से चुनाव को लोकोत्सव बना दिया गया है. यहां अपनत्व का भाव बहुत ज्यादा था. दूसरे दलों के जो साथी मैदान में थे, उनका भी आभार व्यक्त करता हूं. मैं सार्वजनिक रूप से अन्य उम्मीदवारों को धन्यवाद करूंगा. मैं मीडिया जगत के साथियों का भी ह्रदय से अभिनंदन करता हूं. यहां जब कार्यकर्ताओं से मिलना हुआ था, तो मैंने कहा था कि भले ही नामांकन एक नरेंद्र मोदी का हुआ होगा, लेकिन चुनाव लड़ने का काम हर घर के नरेंद्र मोदी ने किया. इस पूरे चुनाव अभियान को आपने बेहतर ढंग से चलाया. इस प्रकार का चुनाव होता है तो लगता है कि अब तो जीतने ही वाले हैं. मैं कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने इस चुनाव को जय-पराजय से नहीं तोला और इसे लोक शिक्षा का पर्व माना.’
पीएम ने दीनदयाल संकुल में कार्यकर्ताओं से कहा, ‘देश के राजनीतिक पंडितों से मैं कहता हूं कि हम में भी कमियां होंगी, लेकिन हमारे इरादे नेक हैं. ऐसी सोच वाले लोगों से मैं फिर से विचार करने का निवेदन करता हूं.’ पीएम ने हर-हर महादेव के उद्घोष से अपने भाषण की शुरुआत करते हुए बताया कि वह मतदान के ठीक पहले काशी के बाबा की जगह केदारनाथ के बाबा के दर्शन करने चले गए.
पीएम ने कहा, ‘पार्टी और कार्यकर्ताओं के आदेश का पालन करने का मैं पूरा प्रयास करता हूं. एक माह पहले (25 अप्रैल) जब काशी ने विश्व रूप दिखाया था, उसने पूरे हिंदुस्तान को प्रभावित किया था. देश ने भले मुझे पीएम बनाया हो, लेकिन काशी के लिए मैं कार्यकर्ता हूं. मेरे लिए आपका आदेश सर-आंखों पर है. यहां के चुनाव से पहले मन में आता था कि एक बार काशी हो आऊं, लेकिन आपका आदेश था कि काशी से मैं निश्चिंत हो जाऊं, तो मैं इस बाबा की जगह दूसरे बाबा के चरणों में पहुंच गया.’
पीएम ने लोगों को उनके देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य को समझने की अपील की. पीएम ने कहा, ‘इस देश का नागिरक अपने कर्तव्यों का पालन करे तो किसी के अधिकारों का हनन होने वाला नहीं है. आजादी का आंदोलन चला तो सबके भीतर ऐसी भावना थी कि हम देश के लिए मर मिटते थे. पर, आजाद होने के बाद हम कहने लगे कि यह सरकारी स्कूल है, वह सरकारी अस्पताल है…वह सरकारी नहीं….वह तेरा है… तुम उसके मालिक हो… जो भी सरकारी है, वह भारत के हर नागरिक का है. भारत का हर नागरिक उसका मालिक है. एक नागरिक के नाते यह हमारा कर्तव्य है.’
सरकार ने काम किया, वर्कर ने पैदा किया विश्वास
पीएम ने कहा, ‘सरकार ने काम किया, लेकिन कार्यकर्ता ने विश्वास पैदा किया कि अभी तो यह शुरुआत है. जिसे नहीं मिला, उसके मिलने वाला है और जिसे मिला है वह उपकार नहीं उसका हक है. यह सरकार और संगठन के बीच का तालमेल है. जैसे दो शक्ति हैं नीति और रणनीति, पारदर्शिता और परिश्रम, वर्क और वर्कर, वैसे हमने दो संकट भी झेले हैं. चाहे बंगाल हो या केरल, त्रिपुरा हो या कश्मीर. हमारे कार्यकर्ताओं को राजनीतिक विचारधारा के कारण मौत के घाट उतार दिया जाता है. कश्मीर में मौतें की जाती हैं, बंगाल में अभी भी रूका नहीं है. शायद ही किसी संगठन पर इतनी हिंसा हुई हो. यह हमारे सामने बड़ा संकट है.’
आओ, खत्म करें राजनीतिक छुआछूत
उन्होंने कहा, ‘दूसर संकट है कि बाबा साहेब और गांधी जी ने छुआछूत को खत्म करने में अपनी जिंदगी लगा दी, लेकिन हमारे साथ राजनीतिक छुआछूत की जाती है. जो लोग अपने आप को एकता का ठेकेदार बताते हैं, उन्होंने आंध्र का विभाजन किया. वहां आज भी शांति का माहौल नहीं बन पाया है. हमने यूपी से उत्तराखंड बनाया, लेकिन शांति कायम रही. छत्तीसगढ़, झारखंड बने लेकिन शांति भंग नहीं हुई. लेकिन हमें छुआछूत का शिकार होना पड़ा.’ पीएम ने कहा, ‘ऐसी सोच वाले लोगों से मैं फिर से विचार करने का निवेदन करता हूं. कमियां हम में भी होंगी, लेकिन हमारे इरादे नेक हैं. कोई कुछ भी कह ले, आज देश के राजनीतिक तत्व में ईमानदारी से लोकतंत्र के साथ जीने वाला दल है तो वह बीजेपी है. हमें सत्ता मिलती है तो विपक्ष का असतित्व शुरू होता है. मैं चुनौती देता हूं कि कोई मुझे बताए कि त्रिपुरा में 30 साल तक कम्युनिस्ट सरकार थी, क्या वहां कोई विपक्ष था? हमें वहां 2 साल ही हुए हैं, वहां जानदार विपक्ष है.’
देश के हर हिस्से में बढ़ा हमारा वोट
पीएम ने कहा, ‘देश का कोई ऐसा इलाका नहीं है जहां बीजेपी का वोट बैंक नहीं बढ़ा. कर्नाटक में हम सबसे बड़ी पार्टी, लेकिन हमें सिर्फ हिंदी हार्टलैंड की पार्टी कहा जाता है. देश का नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करे तो किसी के अधिकारों का हनन नहीं होगा. हमें यह भाव पैदा करना है कि जो भी सरकारी है, वह भारत के हर नागरिक का है. अपने स्कूटर को चमकाते हैं, लेकिन सरकारी बस में सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं. भारत माता की जय बोलें और पान खाकर वहीं… जिस मां की जय कर रहे हैं, उसी मां को गंदा करें.’