नई दिल्ली. निर्भया के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार करने वाले तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों की नींद उड़ गई है. मीडिया में चल रही फांसी की खबरें दोषियों तक पहुंच रही हैं. हालांकि अभी उन्हें अलग सेल में रखा गया है, लेकिन दिनचर्या के दौरान जब वे दूसरे कैदियों से मिलते हैं, तो कोई न कोई उनके सामने फांसी का जिक्र कर देता है. नतीजा, वे अब घबराने लगे हैं. चारों दोषी ठीक से खाना नहीं खा पा रहे हैं.
जेल के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जिस सेल में ये दोषी बंद हैं, वहां की जा रही अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था ने भी इन्हें बेचैन कर दिया है. इनके सेल में सीसीटीवी लगाने के अलावा देर रात तक जेलकर्मी भी वहां आते रहते हैं. रात का खाना भी सेल में ही पहुंचाया जा रहा है. इन सबके चलते चारों दोषियों को भी अब यह लगने लगा है कि उन्हें जो खबर मिल रही है, वह सही है.
डेथ वारंट जारी नहीं
बता दें कि अभी तक चारों दोषियों के डेथ वारंट जारी नहीं हुए हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि इन पर किसी भी वक्त साइन हो सकते हैं. निर्भया के चार दोषियों में से एक पवन को मंडोली की जेल नंबर-14 से तिहाड़ की जेल नंबर-2 में शिफ्ट कर दिया गया है. इसी जेल में निर्भया के चार दोषियों में से दो अक्षय और मुकेश भी बंद हैं. चौथे आरोपी विनय शर्मा को जेल नंबर-4 में रखा गया है. तिहाड़ की जेल नंबर 3 में फांसी दी जाती है. सूत्रों के मुताबिक, फांसी वाले प्लेटफार्म पर कई बदलाव किए जा रहे हैं. खासतौर से लीवर खींचने के उपकरण और लकड़ी वाले फट्टे को भी बदलने की बात कही गई है.
लीवर के हैंडल और शॉफ्ट, जैसे उपकरण जो पानी आने के कारण जाम हो चुके थे, उन्हें दोबारा से खोलकर ठीक किया जा रहा है. फांसी का प्लेटफार्म खुले में स्थित है और इस वजह से यहां बरसात का पानी आता रहता है. लंबे समय से यहां कोई फांसी नहीं दी गई है, इसलिए लीवर आदि उपकरण जंग खा चुके हैं. रस्सी का ऑर्डर भी दे दिया गया है.
फांसी की खबर सुनकर चारों दोषी अपने अपने सेल में देर रात तक चक्कर काटते रहते हैं. अब इनका खाना भी अलग से आता है, प्रतिदिन सेल की मैनुअल जांच हो रही है, इन सबके चलते ये चारों इतना तो समझ गए हैं कि अब किसी भी वक्त कोई आदेश आ सकता है.
जब भी कोई सुरक्षाकर्मी इनके सेल में पहुंचता है, तो ये तुरंत खड़े हो जाते हैं. उसके बाद बहुत धीमी आवाज में पूछते हैं कि कोई आदेश आया है. रूटीन से हटकर की जा रही मेडिकल जांच ने भी इनकी चिंता बढ़ा दी है. सुरक्षाकर्मी की रिपोर्ट पर एक दिन में कई बार मेडिकल जांच हो सकती है. यदि इनके व्यवहार में कोई बड़ा बदलाव नजर आता है, तो डॉक्टर बिना कोई देरी किए सेल में पहुंच जाता है.
सूत्र बताते हैं कि अभी तक किसी भी दोषी को कोई दवा नहीं दी गई है, लेकिन इन्हें तरल पदार्थ और ठोस भोजन इस तरह से दिया जा रहा है कि इनका रक्तचाप संतुलन में रहे. जेल में डेथ वारंट पहुंचने के बाद इनके परिजनों को सूचित किया जाएगा.