नई दिल्ली। तेल उत्पादन में बादशाहत हासिल करने के बाद अब सऊदी अरब की नजर दूसरे प्राकृतिक संसाधनों पर है। सऊदी के प्लान में अब सबसे पहला नंबर सूरज से मिलने वाली धूप का आता है। वह इसके जरिए बड़े पैमाने पर सोलर एनर्जी पैदा करेगा। बता दें कि तेल सऊदी की अर्थव्यवस्था का अहम भाग रहा है। कई दशकों से तेल के जरिए ही सऊदी पैसा बना रहा है। उसी पैसे के जरिए वहां बड़े-बड़े मॉल्स, बिल्डिंग्स बनती हैं। यही नहीं सरकारी खजाने का एक बड़ा हिस्सा भी इससे ही आता है।
पिछले दिनों एक खबर आई थी कि साल 2018 में अमरीका तेल उत्पादन के मामले में सऊदी अरब को पछाड़ देगा। हो सकता है कि सरकार का इस तरफ ध्यान गया हो। अगर सऊदी अपने यहां सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने में कामयाब हो गया तो तेल पर उसके नागरिकों की निर्भरता कम हो जाएगी। आने वाले वक्त में तेल पर निर्भरता वैसे भी कम होने वाली है, लोग बिजली से चलने वाले वाहनों पर दांव लगा रहे हैं। ऐसे में वह ज्यादा तेल निर्यात कर सकेगा।
गौरतलब है कि नवीकरणीय ऊर्जा की तरफ सऊदी का ध्यान 2016 में गया था। तब खालिद अल फलिह ने ऊर्जा मंत्री का पद संभाला था। उन्होंने सोलर और हवा से मिलने वाली ऊर्जा को प्राथमिकता पर रखा था। सऊदी अपने इस नए प्लान पर काम करना शुरू कर चुका है। एसीडब्ल्यूए पावर नाम की एक कंपनी को एक प्रोजेक्ट सौंपा गया है। इसमें उसे रियाद में एक सोलर फॉर्म बनाना है, जिसका मकसद दो लाख घरों को बिजली देना होगा। इस प्रोजेक्ट में 300 मिलियन डालर का खर्च आएगा। बताया गया है कि इससे बिजली मिलने के साथ कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा।