नई दिल्ली. राष्ट्रीय मूुनाफारोधी प्राधिकरण (एनएए) ने रोजमर्रा की त्वरित उपयोग की वस्तुएं बनाने वाली अग्रणी नेस्ले पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में की गई कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं पहुंचाने पर 90 करोड़ रुपए का भारी भरकम जुर्माना ठोंका है.
मैगी न्यूडल्स, किटकैट चाकलेट और नेस्कैफे बनाने वाली कंपनी नेस्ले को 89.73 करोड़ रुपए की जुर्माने राशि में से 73.14 करोड़ रुपए जमा कराने हैं. शेष राशि पहले ही उपभोक्ता कल्याण कोष में पिछले साल जमा कराया जा चुकी है. प्राधिकरण ने अपने आदेश में कहा है कि जुर्माने की बकाया रकम 18 प्रतिशत ब्याज के साथ अगले तीन माह में केंद्र और राज्य सरकारों के उपभोक्ता कल्याण कोष में कंपनी जमा कराए.
एनएनए ने नेस्ले को यह भी निर्देश दिया है कि वह दामों में ‘समानुपातिक’ कटौती करे. एनएनए ने कहा है कि नेस्ले पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए, इसके लिए मुनाफारोधी महानिदेशक (डीजीएपी) नोटिस जारी करे. प्राधिकरण ने नेस्ले के कर में कटौती लाभ ग्राहकों को देने के संबंध में अपनाये गए तरीके पर भी सवाल उठाते हुए इसे विसंगत, मनमाना और अवैध बताया है जिससे कर में कटौती का लाभ देने में निष्पक्षता और असमानता रही.