कानपुर . गंगा को प्रदूषण से आजादी दिलाने का संकल्प लेने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को चमड़ा उद्योग के लिए विख्यात कानपुर में राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक में हिस्सा लिया और पतित पाविनी नदी की निर्मलता के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के सभागार में
आयोजित बैठक में मोदी को नमामि गंगे परियोजना की प्रगति की जानकारी दी गई।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के उप
मुख्यमंत्री सुशील मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत
मौजूद थे।
नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कानपुर में राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक
में शामिल हुए। इसमें नमामि गंगे परियोजना के अगले चरण और नए एक्शन प्लान
पर चर्चा हुई। इसके बाद मोदी ने परियोजना के असर का निरीक्षण करने के लिए
अटल घाट पर नौकायन भी किया। प्रधानमंत्री नौकायन से लौटते वक्त घाट की
सीढिय़ों पर लडख़ड़ा गए। इस दौरान साथ मौजूद एसपीजी के जवानों ने उन्हें
संभाला। नौकायन के लिए प्रयागराज से डबल डेकर मोटर बोट मंगाई गई थी।
आज की बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और कई अफसर शामिल हुए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी न्योता भेजा गया था, लेकिन वे शामिल नहीं हुईं।