पटना. सीएम नीतीश कुमार के बाल विवाह और दहेज विरोधी अभियान का असर दिखने लगा है. गया जिले के बाराचट्टी के तेतरिया गांव का मामला इसका एक बड़ा उदाहरण है. बाराचट्टी थाना से सटे तेतरिया गांव में बाल विवाह की तैयारी थी. बारह दिन बाद 18 फरवरी को गांव के मुन्ना प्रसाद की बेटी की बारात आनी थी. विवाह की रस्मों को लेकर पूरी तैयारी अंतिम चरण में थी. शादी मोहनपुर थाना के मुसैला गांव में तय की गई थी. दुल्हा लड़की से दोगुणे उम्र का और विधुर था. पिता ने अपनी बड़ी बेटी नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली पिंकी कुमारी की बेमेल शादी तय कर दी थी. इसका पता स्कूली छात्रों को चला. तेतरिया, बाराडीह, भगहर आदि गांव की छात्राओं ने सरकार की मुहिम को बड़ी ताकत देने की ठानी. बाल विवाह रुकवाने का निर्णय लिया और सीधे थाना को पहुंच गईं.
बाराचट्टी पुलिस को जानकारी दी कि तेतरिया गांव के मुन्ना प्रसाद ने अपनी बेटी पिंकी की शादी तय की है जो बाल विवाह है. यह अपराध है. इसके बाद बाराचट्टी थानाध्यक्ष चेतनानंद झा छात्राओं के साथ तेतरिया गांव पहुंच गए. थानाध्यक्ष ने मुन्ना प्रसाद से बातचीत की और उन्हें बताया कि यह बाल विवाह कानूनन अपराध है, और इस शादी को हर हाल में तोड़ना होगा. इसके बाद मुन्ना प्रसाद ने शादी तोड़ देने की बात कही. बताया कि अठारह वर्ष की उम्र के बाद ही अपनी पुत्री की शादी रचाउंगा. पुलिस ने पूरे मामले की वीडियो रिकार्डिंग भी की. इधर शादी तोड़ने की बात सुनते ही स्कूली छात्राओं ने खुशी जताई और तालियां बजाकर इसका स्वागत किया. इस मौके पर जनप्रतिनिधि और गांव के गणमान्य लोग भी मौजूद थे. इस काम के लिए बाराचट्टी पुलिस ने छात्राओं को पुरस्कृत किया.