नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल ने रविवार 16 फरवरी को लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आप समर्थकों के हुजूम के सामने एलजी अनिल बैजल ने लाल रंग के स्वेटर और लाल टीका लगाए केजरीवाल और उनके छह मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ केजरीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की बराबरी कर ली, हालांकि शीला का कार्यकाल 15 साल तक चला था. 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन करके राजनीति में उतरे केजरीवाल ने अब तक 5 साल 49 दिन का शासन किया है. इससे पहले उन्होंने 2013 और 2015 में शपथ ली थी. पहली बार उनकी सरकार कांग्रेस के सहयोक से 49 दिन चली थी और दूसरी बार चुनाव में उन्होंने 67 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की थी. इस बार उन्हें 62 सीटें मिली हैं.
केजरीवाल ने अपने कैबिनेट में कोई फेरबदल नहीं किया है. मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, राजेंद्र पाल गौतम और इमरान हुसैन ने शपथ ली है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मंत्रालय का बंटवारा भी पिछली सरकार के मुताबिक ही रहेगा या इस बार केजरीवाल कामकाज में फेरबदल करेंगे.
शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के भारी जनसमूह उमड़ा. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के सातों सांसदों, नवनिर्वाचित आठों बीजोपी विधायकों और सभी नगर निगम पार्षदों को भी आमंत्रित किया था. हालांकि, केवल विजेंद्र गुप्ता ही पहुंचे. पार्टी ने चुनाव परिणाम के दिन आप के कार्यालय परिसर में अपने पिता के साथ केजरीवाल के पुराने गेटअप में पहुंचे एक साल के छोटू मफलरमैन अव्यान तोमर को खासतौर से बुलाया गया था. इसके अलावा दिल्ली शासन में योगदान करने वाले विभिन्न क्षेत्रों के 50 प्रतिनिधी शामिल हुए. इन सभी ने नए मंत्रिमंडल के साथ मंच साझा किया.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
रामलीला मैदान में लोगों के लिए पुख्ता इंतजामात किए गए थे. सुरक्षा के लिहाज से मैदान और उसके आसपास लगभग 5,000 पुलिसकर्मी तैनात रहे. इसके अलावा गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 125 सीसीटीवी कैमरे और 12 एलईडी स्क्रीन लगाए गए. 45,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी. दिल्ली पुलिस ने यातायात और सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए हैं.