नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के कारण जाम रास्ते को खुलवाने के लिए दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को इस मामले में वार्ताकार नियुक्त किया. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय कौशल, जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच ने कहा कि लोकतंत्र हर किसी के लिए, ऐसे में विरोध के नाम पर सड़क जाम नहीं कर सकते हैं.
केंद्र सरकार को प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए. इसके लिए अदालत ने एक वार्ताकार भी नियुक्त किया है. जानकारी के मुताबिक, वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के साथ वकील साधना रामचंद्रन को वार्ताकार के तौर पर नियुक्त किया है. इसके साथ ही वजहत हबीबुल्लाह, चंद्रशेखर आजाद इस दौरान वार्ताकारों की मदद करेंगे.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी चिंता सीमित है, अगर हर कोई सड़क पर उतरने लगेगा तो क्या होगा? सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को हलफनामा दायर करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने वकील संजय हेगड़े को शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए कहा है. इस दौरान संजय हेगड़े ने अपील करते हुए कहा कि उनके साथ रिटायर्ड जस्टिस कुरियन जोसेफ को उनके साथ भेज सकते हैं.
संजय हेगड़े की ओर से सॉलिसिटर जनरल से पुलिस प्रोटेक्शन की अपील की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले 64 दिन से प्रदर्शन जारी है, लेकिन आप उन्हें हटा नहीं पाए. अब बातचीत से हल नहीं निकलता है तो हम अथॉरिटी को एक्शन के लिए खुली छूट देंगे. अदालत ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार से प्रदर्शनकारियों को हटाने के ऑप्शन पर चर्चा करने और उनसे बात करने को कहा है.
याचिका में अपील की गई है कि अदालत इस रास्ते को तुरंत खोलने का आदेश दें. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि हम अधिकारों की रक्षा के लिए विरोध और आवाज उठाने के खिलाफ नहीं हैं. जस्टिस कौल ने कहा कि जनता को समस्या हो सकती है लेकिन मुद्दा जनजीवन को ठप करने की समस्या अभी भी जुड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान कहा कि प्रदर्शनकारियों को एक उचित समाधान के लिए राजी करें. इस दौरान वकील तसनीम अहमदी ने कहा कि इस प्रदर्शन में किसी एक धर्म नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट में चंद्रशेखर आजाद की ओर से पेश वकील ने कहा कि देश में इस तरह के पांच हजार प्रदर्शन होंगे. इस पर अदालत ने कहा कि हमें 5000 प्रदर्शनों से दिक्कत नहीं हैं, लेकिन रास्ता बंद नहीं होना चाहिए. हमें बस सड़क के जाम होने से चिंता है.