नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ गठबंधन की कवायद एक तरह से परवान चढ़ने को है। क्योंकि गौरतलब है कि अभी हाल ही में सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन की जो संभावना जताई थी उस पर बसपा प्रमुख मायावती ने आज अप्रत्यक्ष रूप से सहमति का एक संकेत आखिर दे ही दिया। जिससे भाजपा के लिए दुश्वारियां बढ़ना स्वाभाविक हैं।।
मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी अब समझौते की राजनीति करने का फैसला किया है। मायावती इस प्रयोग को कर्नाटक के आगामी विधानसभा चुनाव में अपनाने जा रही है। मायावती, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली जनता दल (सेक्युलर) के साथ हाथ मिलाने जा रही है। जनता दल (एस) के सूत्रों से प्राप्त खबर में बताया गया है कि कर्नाटक विधानसभा का आसन्न चुनाव दोनों पार्टियां मिलकर लड़ने वाली है।
इस संदर्भ में जनता दल (एस) के दानिश अली ने कहा कि बसपा ने पहली बार उनके दल के साथ गठबंधन किया है। अब वे दोनों मिलकर कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. इस संबंध में 17 फरवरी को बंगलौर से साझा चुनाव अभियान की शुरुआत की जाएगी।जिसमें मायावती और एचडी देवेगौड़ा एक मंच पर खड़े होंगे. साथ ही राज्य की जनता से चुनावों में मतदान की अपील करेंगे।
वहीं बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों में 14 जिलों में बसपा के उम्मीदवार होंगे और बाकी जगहों पर जनता दल (एस) के उम्मीदवार खड़े होंगे।दोनों ही दलों की ओर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार एसडी कुमारस्वामी होंगे।जनता दल (एस) के कुंवर दानिश अली का कहना है कि ये गठबंधन सिर्फ विधानसभा के लिए ही नहीं है बल्कि लोकसभा चुनाव में भी जारी रहेगा।