नई दिल्ली – आज के समय में पूरे विश्व में केवल कोरोना वायरस ही चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीमारी ने हर मजबूत देश को खोखला कर के रख दिया है। ये परेशनी न तो एक दिन की है और न ही एक महीने की, इस मुसीबत से कब छुटकारा मिलेगा इसका अनुमान लगाना भी मुश्किल है। इसी बीच एक रिपोर्ट के आंकड़ों ने भारतवासियों के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है।
भारत में अबतक कोरोना के 562 पॉजिटिव केस सामने आएं हैं, वहीं इस महामारी से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। 21 दिन के लॉकडाउन के बावजूद भी जिस तरह से कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम की रिपोर्ट ने आशंका जताई गई है कि मई के दूसरे हफ्ते तक भारत में 13 लाख कोरोना के मामले आ सकते हैं।
खबर के मुताबिक भारत में कोरोना के मामलों की स्टडी करने वाले COV-IND-19 स्टडी ग्रुप के रिसर्चर्स ने मौजूदा आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद जारी रिपोर्ट में ये आशंका जताई है। शोधकर्ताओं ने रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने शुरुआती दौर में कोरोना के मामलों को नियंत्रित करने में इटली और अमेरिका जैसे दूसरे देशों की अपेक्षा अच्छा काम किया है।
हालांकि, हमारा ये अनुमान भारत में शुरुआती चरण के आंकड़ों के आधार पर है। हालांकि, जांच में एक खास बात ये है कि देश में प्रभावित मामलों की असली संख्या स्पष्ट नहीं है। शोधकर्ताओं का मानना है कि भारत में इस मामले टेस्टिंग रेट बेहद कम हैं।
इस मामले में रिसर्चर्स ने बताया है कि अब तक, भारत में कोरोना टेस्ट किए गए लोगों की संख्या अपेक्षाकृत कम रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो टेस्ट की दरें कम होने की वजह से अभी ये अनुमान लगाना बेहद कठिन है कि अस्पताल और हेल्थकेयर सुविधाओं से अलग कितने लोग इससे संक्रमित हैं। कोरोना से संक्रमित मामलों की पुष्टि इसकी टेस्टिंग से ही स्पष्ट होती है।