सूरत. गुजरात के सूरत शहर में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का कथित रूप से उल्लंघन करने के कारण पुलिस ने प्रवासी मज़दूरों पर आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस का दावा है कि मज़दूर न सिफऱ् तीन हफ़्तों के लिए देश में चल रहे लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे थे, बल्कि उन्होंने पुलिस के ऊपर पत्थर भी फेंके.
इसके बाद पुलिसकर्मियों पर हमले और लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में 93 प्रवासी कामगारों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. पुलिस उपायुक्त विधि चौधरी ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गणेश नगर और तिरुपति नगर इलाक़ों में रह रहे लगभग 500 प्रवासी कामगार रविवार 29 मार्च की देर रात सड़कों पर उतर आए, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए. वे अपने मूल निवास स्थानों पर जाने के लिए वाहन उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे. एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा सूरत के पंडेसरा इलाके में बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग रहते हैं, यहीं पर गणेश नगर और तिरुपति नगर इलाक़े हैं. वे यहां पावरलूम और कपड़ों के कारखानों में काम करते हैं.
चौधरी ने कहा, पुलिस जब उनसे घरों में रहने का अनुरोध कर रही थी तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया. पथराव में पुलिस के कई वाहनों को नुक़सान हुआ. चौधरी ने कहा कि पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिये आंसू गैस के 30 गोले छोड़े. इस दौरान उनकी गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई. पुलिस उपायुक्त ने बताया कि कुछ उपद्रवियों को रविवार रात जबकि कुछ को सोमवार को गिरफ़्तार किया गया. उन्होंने कहा, हमने 500 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और 93 लोगों को गिरफ़्तार किया है. उनके खिलाफ दंगा, पुलिस पर हमला, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं और पाबंदियों के उल्लंघन के लिए खिलाफ महामारी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.