नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार 8 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एनडीए और विपक्षी दलों के 16 सांसदों के साथ कोरोना संकट पर चर्चा की. बैठक के बाद बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन एकसाथ नहीं हटाया जाएगा. मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमें बताया कि कोरोना संक्रमण से पहले और उसके बाद का जीवन एक जैसा नहीं होगा. मोदी ने कैबिनेट की बैठक में भी यही संकेत दिए थे कि लॉकडाउन एकसाथ नहीं हटाया जाएगा. इसके अलावा 5 राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और केरल के मुख्यमंत्री भी लॉकडाउन को बढ़ाए जाने के पक्ष में हैं.
यह एमपी थे मौजूद
मोदी के साथ चर्चा में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंधोपध्याय, शिवसेना के संजय राउत, बीजद के पिनाकी मिश्रा, राकांपा के शरद पवार, सपा के रामगोपाल यादव, शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, वाईएसआरसीपी के विजय साई रेड्डी, मिथुन रेड्डी और जदयू के राजीव रंजन समेत कई सांसद शामिल हुए. यह पहली बार है जब मोदी ने विपक्षी सांसदों के साथ कोरोना पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. इससे पहले वे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, क्रिकेटर्स, फिल्मी सितारों और मीडिया प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर चुके हैं.
लॉकडाउन हटाने पर स्थिति साफ नहीं
लॉकडाउन को हटाने पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विपक्षी सांसदों से लॉकडाउन हटाने और सांसद निधि में कटौती के मुद्दे पर चर्चा की. सांसद निधि में कटौती को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने नाराजगी जाहिर की थी. वहीं, लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होने वाला है. ऐसे में कई राज्यों ने इसे जारी रखने का सुझाव दिया है. कोरोना पर गठित मंत्री समूह ने भी स्कूल-कालेज, शॉपिंग मॉल और धार्मिक स्थल 15 मई तक बंद रखने की सिफारिश की है. मंत्री समूह की राय है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल से आगे नहीं बढऩे की सूरत में भी ये गतिविधियां बंद ही रहनी चाहिए. साथ ही, धार्मिक केंद्रों और मॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर ड्रोन से भीड़ की निगरानी की जाए. मंत्रीसमूह की बैठक मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई थी.
शनिवार को मोदी मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे
प्रधानमंत्री 11 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ तीसरी बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे. इससे पहले मोदी ने 20 मार्च और 3 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी. उन्होंने राज्यों से जिला स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट पर काम करने को कहा था. उन्होंने कहा था कि अब हमारा फोकस टेस्टिंग और क्वारैंटाइन सुविधाओं पर होना चाहिए. मोदी ने राज्यों को हेल्थ केयर ह्यूमन रिसोर्स में बढ़ोतरी करने और फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स को ऑनलाइन ट्रेनिंग दिलाने की सलाह दी थी. वहीं, रिटायर्ड हेल्थ वर्कर्स, एनएसएस, एनसीसी, सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल कर फोर्स बनाने के लिए कहा. मोदी ने कहा कि ये लोग सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कराने में मदद करेंगे.