काठमांडू। नेपाल भुखमरी की समस्या खत्म करने वाले देशों की सूची में भारत और अपने पड़ोसी दक्षिण एशियाई देशों की तुलना में आगे है। रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान की ओर से गुरुवार को जारी 2017 वैश्विक भुखमरी सूचकांक (जीएचआई) के आधार पर नेपाल काफी तेजी से अपने देश में भुखमरी खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। नेपाल इस मामले में बाल कुपोषण और बाल मृत्युदर में कमी लाकर ‘गंभीर’ से अब ‘मध्यम’ सूची में आ गया है।
, जीएचआई यह गणना अमीर देशों और छोटी जनसंख्या वाले देशों पर नहीं करता है। वर्ष 2000 में नेपाल का जीएचआई स्कोर खतरे की श्रेणी में था। 1992 में नेपाल का जीएचआई स्कोर 42.5 था और 2017 में यह घटकर 22 हो गया। जीएचआई की 119 देशों की सूची में नेपाल को 72वां स्थान मिला है। नेपाल इस स्थान के साथ श्रीलंका (84वां), बंग्लादेश (90), भारत (97), पाकिस्तान (107) और अफगानिस्तान (111वां) से आगे है। रिपोर्ट के मुताबिक जीएचआई में 50 से ज्यादा स्कोर को अत्यधिक खतरे, 35-49.9 को खतरे, 20-30.9 को गंभीर,10-19.9 को मध्यम और 9.9 से कम को सामान्य मानता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल ने वर्ष 2001 से 2011 के बीच बच्चे के कुपोषण में कमी आने से यह सफलता हासिल की है। इसके साथ ही नेपाल ने अभिभावकों के शैक्षणिक व स्वच्छता के स्तर में सुधार कर और स्वास्थ्य व पोषण कार्यक्रमों को जमीन पर उतारकर यह उपलब्धि हासिल की है। इन सबके बावजूद नेपाल में काफी गंभीर असमानता बनी हुई है और रिपोर्ट के अनुसार, “यह बहुत जरूरी है कि अगर हम 2030 तक सतत विकास लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं तो हमें हमेशा के लिए देश से भुखमरी खत्म करनी होगी।”