लखनऊ- उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लागू किये गये लॉकडाउन का उल्लघंन करने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, साथ ही लॉकडाउन के दौरान पुलिस कर्मियों पर हमला करने की खबरें भी लगातार आ रही थीं. इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस स्टेशन ऑफिसर के अधिकार बढ़ा दिए हैं. अब वे आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सीधे कोर्ट में केस दायर करा सकेंगे.
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 60 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पुलिस के अधिकारों में बढ़ोतरी की है. अब पुलिस स्टेशन ऑफिसर आपदा प्रबंधन अधिनियम में अब सीधे कोर्ट में केस दायर करा सकेंगे. यानी अब थानेदार खुद केस दर्ज करके कोर्ट में ट्रायल शुरू कराएंगे. पहले जिला आपदा समिति की शिकायत पर ही केस दर्ज होता था.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोरोना से लडऩे के लिए देश में पहली बार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू किया था. ये एक राष्ट्रीय कानून है जिसका इस्तेमाल केंद्र सरकार करती है, ताकि किसी आपदा से निपटने के लिए एक देशव्यापी योजना बनाई जा सके. केंद्र सरकार ने राज्यों को बताया था कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रावधान लागू होंगे और इसे कड़ाई से लागू किया जाएगा.
केंद्र सरकार ने कहा था कि सरकार ने कहा कि यदि कोई कोरोना के रोकथाम के उपाय का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही होगी. धारा 188 के तहत छह महीने की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है.