नई दिल्ली. कोरोना महामारी संकट में किसानों के लिए सरकार तेजी से कदम उठा रही है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों से खरीदी गई फसलों के दाम का भुगतान महज तीन दिन के भीतर किया जाएगा और राज्यों से फसल खरीद की समुचित व्यवस्था करने को कहा गया है.
आपको बता दें कि रबी सीजन के गेहूं, सरसों और चना की सरकारी खरीद 15 अप्रैल से शुरू हो गई है. लॉकडाउन में गेहूं की खरीद के लिए सरकार ने तमाम इंतजाम किए हंै. इनमें खरीद केंद्रों पर सामाजिक दूरी और हाइजीन का विशेष ख्याल रखा जाएगा. खास बात ये है कि किसानों को उनकी फसल का भुगतान बिक्री के तीन दिन के भीतर ही कर दिया जाएगा. 30 दिन की बजाए अब 3 दिन में मिलेंगे पैसे.
कैलाश चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट की घड़ी में केंद्र सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उनके हित में कई फैसले लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि पहले जहां फसलों की खरीद के बाद किसानों को फसल के दाम के भुगतान में महीने भर का विलंब हो जाता था, वहां अब महज तीन दिनों के भीतर उनको फसलों का दाम मिलेगा और इस संबंध में राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे इसकी रिपोर्ट जल्द भेजें.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए खेती-किसानी से जुड़े तमाम कामों को छूट दी गई है.
उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए केंद्र सरकार ने चना और सरसों की खरीद की रोजाना लिमिट 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल कर दी है. कोरोनावायरस की रोकथाम को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन में मध्य प्रदेश और पंजाब समेत कई राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद 15 अप्रैल से शुरू हो गई है. हरियाणा ने पहले सरसों और बाद में 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद आरंभ करने की घोषणा की है.