नर्ई दिल्ली. अगर आप एक अवैध या बिना काम कर रहे FASTag के साथ FASTag लेन में घुस जाते हैं तो आपको सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की नई अधिसूचना के अनुसार, दोगुना टोल का भुगतान करना होगा.
इस संशोधन से पहले, वाहन चालक को किसी टोल प्लाजा पर उसी स्थिति में दोगुना शुल्क का भुगतान करना पड़ता था, जब वाहन में FASTag नहीं लगा होता था और वे FASTag लेन में घुस जाते थे.
सरकार की अधिसूचना में कहा गया है, मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 में संशोधन के लिए अधिसूचना जीएसआर 298 ई, दिनांक 15 मई 2020 जारी की है, जो यह बताती है कि यदि वाहन में फास्टैग नहीं लगा है या वाहन अवैध या बिना काम करने वाले फास्टैग, फीस प्लाजा के फास्टैग लेन में प्रवेश करते हैं, तो वे उस श्रेणी के लिए लागू शुल्क के दोगुना के बराबर शुल्क का भुगतान करेंगे.
दिसंबर 2019 तक एक करोड़ से अधिक FASTags जारी किए गए थे, जिसमें नवंबर और दिसंबर में 30 लाख से ज्यादा FASTags जारी किए गए और प्रतिदिन 1.5 लाख से 2 लाख FASTags की बिक्री हुई. सरकार ने 15 दिसंबर से NHAI (एनएचएआई) के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम को चालू कर दिया था.
जनवरी में, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 18 लाख डिफाल्टरों से 20 करोड़ रुपये इक्टठा किए थे, जिन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा में फास्टैग लेन में बिना फास्टैग के प्रवेश किया था.
ईटीसी को बढ़ावा दे रही सरकार
इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी) को बढ़ावा देने के लिए, केंद्र सरकार ने FASTag (फास्टैग) की व्यवस्था लागू की. सरकार ने फास्टैग के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए फरवरी के महीने में इसे मुफ्त बांटा गया.
सरकार Radio-frequency identification (RFID), रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन (आरएफआईडी) की मदद से फास्टैग से टोल टैक्स भुगतान की तकनीक को विश्वस्तरीय बनाने के प्रयास में जुटी है. इससे जाम नहीं लगेगा और वाहन चालक 50 सेकेंड में टोल भुगतान कर सकेंगे. इसके साथ ही साथ सरकार ने FASTag से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर को अपग्रेड कर दिया है.
टोल संग्रह में जबरदस्त इजाफा
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मार्च के महीने में बताया कि 1.60 करोड़ FASTag की बिक्री हुई. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक फास्टैग बिक्री में तेजी आई है. हर दिन करीब 1.20 लाख फास्टैग की बिक्री हो रही है. मंत्रालय ने सभी 544 टोल प्लाजा में ईटीसी टेक्नोलॉजी लगा दी है.