नई दिल्ली. कोरोना वायरस का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. आज इससे दुनिया को कोई भी देश अछूता नहीं है. ऐसे में शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करना शरीर को निरोगी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हम सभी जानते हैं कि रोकथाम ही बेहतर इलाज है.
जीवन का विज्ञान होने के नाते आयुर्वेद स्वस्थ एवं प्रसन्न रहने के लिए प्रकृति के उपहारों के इस्तेमाल पर जोर देता है. स्वस्थ जीवन के लिए निवारक उपाय संबंधी आयुर्वेद का व्यापक ज्ञान दिनचर्या और ऋतुचर्या की अवधारणाओं पर आधारित है. यह पादप आधारित विज्ञान है. अपने बारे में जागरूकता, सादगी और सामंजस्य से व्यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखते हुए उसे और बेहतर कर सकता है. आयुर्वेद शास्त्रों में इस पर काफी जोर दिया गया है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय-
-पूरे दिन गर्म पानी पिएं.
-प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करें.
-खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों के उपयोग करें.
-प्रतिदिन सुबह 1 चम्मच यानी 10 ग्राम च्यवनप्राश लें. मधुमेह रोगियों को शुगर फ्री च्यवनप्राश लेना चाहिए.
-तुलसी,
दालचीनी, कालीमिर्च, सौंठ और मुनक्का से बना काढ़ा या हर्बल टी दिन में एक
या दो बार लें. यदि आवश्यक हो तो अपने स्वाद के अनुसार गुड़ या ताजा नींबू
का रस मिलाएं.
-गोल्डन मिल्क यानि 150 मिली गर्म दूध में आधी चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर दिन में एक या दो बार लें.
-नाक का अनुप्रयोग, सुबह और शाम को नाक में तिल का तेल या नारियल का तेल या घी लगायें.
-ऑयल पुलिंग थेरेपी, 1 चम्मच तिल या नारियल का तेल मुंह में लें. उसे पियें नहीं, बल्कि 2 से 3 मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर थूक दें. उसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करें. ऐसा दिन में एक या दो बार किया जा सकता है.
-ताजे पुदीना के पत्तों या अजवाईन के साथ दिन में एक बार भाप लिया जा सकता है.
-खांसी या गले में जलन होने पर लौंग पाउडर को गुड़ अथवा शहद के साथ मिलाकर दिन में 2 से 3 बार लिया जा सकता है.
3. ये उपाय आमतौर पर सामान्य सूखी खांसी और गले में खराश का इलाज करते हैं, लेकिन लक्षण के बरकरार रहने पर डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे अच्छा रहेगा.