नई दिल्ली. स्वाद और गंध का पता ना चलना भी कोरोना वायरस के लक्षण हो सकते हैं, इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी किया है. इस गाइडलाइन में इन दो लक्षणों को शामिल किया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इन दो लक्षणों को कोरोना वायरस के लक्षणों में शामिल किया है. इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों के अनुसार बुखार, खांसी, थकान, बलगम, पूरे शरीर में दर्द, नाक बहना, गले में खराश और दस्त को कोरोना के लक्षणों में रखा गया था.
मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार खाने-पीने की चीजों का स्वाद नहीं आना और गंध पहचानने की क्षमता अचानक खत्म होना कोविड-19 का लक्षण हो सकता है. ऐसे लक्षण वालों को तत्काल अपनी जांच करानी चाहिए. इस मुद्दे पर रविवार 7 जून को कोविड-19 पर राष्ट्रीय कार्य बल की बैठक में चर्चा हुई थी, लेकिन इसे अब से लक्षणों में शामिल किया गया है.
विभिन्न अध्ययनों की समीक्षा के आधार पर वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोविड-19 से पूरी तंत्रिका तंत्र को खतरा है. जर्नल एन्नल्स ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित शोधपत्र के अनुसार अस्पताल में भर्ती करीब 50 प्रतिशत कोविड-19 मरीजों को सिरदर्द, चक्कर आना, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, चौकसी में कमी, सूंघने और स्वाद का अनुभव नहीं होना, स्ट्रोक, कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द जैसे तंत्रिका तंत्र में विकार के लक्षणों का सामना कर पड़ रहा है.
बताया जा रहा है कि यह आम लोगों और चिकित्सकों के लिए जानना जरूरी है कि कोविड-19 के संक्रमण का संकेत बुखार, खांसी और सांस संबंधी परेशानियों के लक्षण आने से पहले तंत्रिका तंत्र में विकार के रूप में सामने आते हैं.
विश्लेषण में वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के मरीजों में तंत्रिका तंत्र की विभिन्न संभावित विकार, इन विकारों का कैसे इलाज किया जाए और संक्रमण की प्रक्रिया की जानकारी दी. वैज्ञानिकों ने कहा कि वायरस प्रतिरोधक क्षमता से प्रतिक्रिया कर सकता है जिससे दिमाग में सूजन हो सकती और इससे दिमाग और नसों को नुकसान पहुंच सकता है.