नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद चीन से गतिरोध और बढ़ गया है. इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी है कि भारत 23 जून को होने वाली रूस और चीन के विदेश मंत्रियों के साथ होने वाली बैठक में हिस्सा लेगा.
वहीं कुछ भारतीय सैनिकों के चीन की कैद में होने के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि कोई भारतीय सैनिक लापता नहीं है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हम सीमा क्षेत्रों पर शांति बनाए रखने और बातचीत के माध्यम से मतभेदों के समाधान की आवश्यकता के बारे में आश्वस्त हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कल कहा था कि हम भारत की संप्रभुता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि चीन सीमा पर अपनी गतिविधियों को सीमित करेगा.
गौरतलब है कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की थी और दोनों पक्ष तनाव जल्द से जल्द कम करने व दोनों देशों के बीच समझौते के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए थे. गलवान घाटी और पैंगोंग सो, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी सहित पूर्वी लद्दाख के कुछ अन्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में दोनों देशों के सैनिक पिछले पांच सप्ताह से आमने-सामने तैनात हैं.